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Russia on India: भारत की यूएन में स्थाई सदस्य बनने की मुहिम को दोस्त देश रूस का मिला साथ, जानिए क्या है पूरा मामला

Russia on India: रूस ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधित्व का समर्थन किया है। अभी यूएन में 5 स्थाई देश हैं, भारत लंबे समय से स्थाई देश की सूची में आना चाह रहा है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: September 25, 2022 11:37 IST
India and Russia- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV India and Russia

Highlights

  • सुरक्षा परिषद को और लोकतांत्रिक बनाया जाएः रूस
  • 31 देशों के साथ जारी बयान में सुरक्षा परिषद के विस्तार की बात
  • लंबे समय से स्थाई सदस्य बनने की कोशिश कर रहा भारत, चीन अटकाता है रोड़ा

Russia on India: रूस भारत का पुराना दोस्त है। वह हर मौके पर भारत के साथ खडा रहा है। हाल ही में पीएम मोदी ने भले ही रुस के राष्ट्रपति को सीधे तौर पर कहा था कि भारत शांति का समर्थक है, पुतिन से उन्होंने कहा था कि युद्ध किसी भी स्थिति में सही नहीं होता है। एक दोस्त की तरह कही यह बात पुतिन ने भी समझी। अब रूस ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के साथ दोस्ती का धर्म निभाया है। रूस ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधित्व का समर्थन किया है। अभी यूएन में 5 स्थाई देश हैं, भारत लंबे समय से स्थाई देश की सूची में आना चाह रहा है। इसके लिए कोशिश कर रहा है। रूस ने इस बार भी भारत की कोशिशों का पुरजोर समर्थन किया है। 

सुरक्षा परिषद को और लोकतांत्रिक बनाया जाएः रूस

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के 77वें अधिवेशन को संबोधित करते हुए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने सुरक्षा परिषद को और लोकतांत्रिक बनाने की वकालत की। उन्‍होंने कहा कि एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी देशों का प्रतिनिधित्‍व बढ़ाकर ऐसा किया जा सकता है। साथ ही उन्‍होंने कहा कि भारत को सुरक्षा परिषद की स्‍थयी सदस्‍यता प्रदान की जानी चाहिए। सर्गेई लावरोव ने ब्राजील को भी इस विशिष्‍ट समूह में शामिल करने की वकालत की है। बता दें कि संयुक्‍त राष्‍ट्र में फिलहाल 5 देशों को स्‍थायी सदस्‍यता मिली हुई है। भारत लंबे समय से इस ग्रुप में शामिल होने की मांग कर रहा है।

31 देशों के साथ जारी बयान में सुरक्षा परिषद के विस्तार की बात

इससे पहले भारत सहिंत करीब 31 देशों ने यूएन में सुधार को लेकर बयान जारी किया था। इसमें सुरक्षा परिषद का विस्तार करने की बात कही गई है। बयान में सुरक्षा परिषद की स्‍थायी और अस्‍थायी सदस्‍यों की संख्‍या बढ़ाने की मांग की गई है। कार्यशैली में भी सुधारे, यह भी बयान में कहा गया है। बता दें कि विश्‍व में शांति और सुरक्षा को बनाए रखने को लेकर सुरक्षा परिषद मुख्‍य संगठन है।

भारत ने यूएन पर उठाए हैं सवाल

भारत ने कई बार बदलती वैश्विक परिस्थितियों में यूएन के अस्तित्व पर ही सवाल उठाए हैं। कई मौकों पर भारत की ओर से कहा गया कि जब संयुक्त राष्ट्र वैश्विक समस्याओं का हल करने में सक्षम नहीं हैं, तो इसके औचित्य पर मंथन होना चाहिए। वहीं भारत ने हमेशा इस बात की भी चिंता जताई है कि सुरक्षा परिषद में सुधार के काम में कोई प्रगति नहीं हुई, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। 31 देशों के बयान में भी यही बात कही गई है।  दरअसल, संयुक्‍त राष्ट्रसुरक्षा परिषद में सुधार विस्‍तार की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन अभी तक इस दिशा में ठोस पहल नहीं हो सकी है।

लंबे समय से स्थाई सदस्य बनने की कोशिश कर रहा भारत, चीन अटकाता है रोड़ा

भारत के लिहाज से देखा जाए तो भारत पिछले लंबे समय से लगातार सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्य बनने के लिए प्रयास कर रहा है। भारत की कोशिश को कई देशों का समर्थन मिला है, लेकिन भारत का पड़ोसी देश चीन जो कि पहले से ही स्थाई सदस्य है, वह हमेशा रोड़ा अटका देता है। चीन के भारत के स्थाई सदस्य बनने के विरोध में वीटो करने के कारण स्थिति भारत के पक्ष में नहीं आ पाती है। वहीं दूसरी ओर भारत का दोस्त रूस हमेशा से ही भारत के पक्ष में यह वकालत करता आ रहा है कि भारत को यूएन में स्थाई सदस्यता मिले। रूस ने इस बार भी फिर से भारत को सुरक्षा परिषद का स्‍थायी सदस्‍य बनाने की मांग की है। मॉस्‍को का कहना है कि भारत, ब्राजील जैसे देशों को स्‍थायी सदस्‍य बनाए बिना सुरक्षा परिषद लोकतांत्रिक नहीं हो सकता है।

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