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चंद्रमा पर जहां क्रैश हुआ रूस का लूना-25, NASA ने ढूंढ निकाली वो जगह, बना बड़ा गड्ढा

अब नासा ने उस जगह को खोज निकाला है, जहां संभवतः रूस का लूना 25 क्रैश हुआ। नासा के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (LRO) स्पेसक्राफ्ट ने चांद पर एक नए क्रेटर को खोजा है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: September 01, 2023 12:24 IST
चंद्रमा पर जहां क्रैश हुआ रूस का लूना-25, NASA ने ढूंढ निकाली वो जगह, बना बड़ा गड्ढा- India TV Hindi
Image Source : NASA चंद्रमा पर जहां क्रैश हुआ रूस का लूना-25, NASA ने ढूंढ निकाली वो जगह, बना बड़ा गड्ढा

Nasa on Luna-25: जब भारत का चंद्रयान 3 चंद्रमा के मिशन की ओर चला था। उसके बाद रूस का लूना 25 अचानक तेजी के साथ चंद्रमा की ओर गया, लेकिन चंद्रमा की सतह पर क्रैश हो गया। अमेरिकी स्पेस कंपनी नासा ने उस जगह को खोज निकाला है, जहां रूस का चंद्रयान लूना 25 क्रैश हुआ था। उस जगह पर बड़ा सा गड्ढा बन गया है। रूस का लूना-25 स्पेसक्राफ्ट भारत के चंद्रयान से पहले चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला था, लेकिन प्री लैंडिंग ऑर्बिट में जाने के दौरान उसका संपर्क ग्राउंड स्टेशन से टूट गया। बाद में पता चला कि स्पेसक्राफ्ट कंट्रोल से बाहर हो गया और चंद्रमा की सतह पर ही क्रैश हो गया। अब नासा ने उस जगह को खोज निकाला है, जहां संभवतः रूस का लूना 25 क्रैश हुआ। नासा के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (LRO) स्पेसक्राफ्ट ने चांद पर एक नए क्रेटर को खोजा है। लूना-25 स्पेसक्राफ्ट 19 अगस्त को क्रैश हुआ था।

नासा ने देखा है कि जहां यह स्पेसक्राफ्ट गिरा था, वहां एक बड़ा क्रेटर बन गया। नासा ने एक लेख में लिखा कि रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने 21 अगस्त को इंपैक्ट पॉइंट के अनुमान की जगह प्रकाशित की। LROC टीम और मिशन ऑपरेशंस टीम 22 अगस्त को एलआरओ अंतरिक्ष यान को कैप्चर करने के लिए डिजाइन करने और कमांड भेजने में सक्षम था। नासा ने लिखा, इन तस्वीरों को खींचने का सिलसिला 24 अगस्त को दोपहर 2.15 बजे से शुरू हुआ और लगभग 4 घंटे में पूरा हुआ।

कितना बड़ा बन गया गड्ढा

एलआरओसी टीम ने टक्कर से पहले ली गई तस्वीरों और उसके बाद की तस्वीरों की तुलना की और एक छोटा नया गड्ढा पाया। एलआरओ ने इस क्षेत्र की तस्वीर पहले जून 2022 में खींची थी। चूंकि यह नया गड्ढा लूना-25 के अनुमानित इंपैक्ट बिंदु के करीब है, एलआरओ टीम ने निष्कर्ष निकाला है कि यह प्राकृतिक प्रभाव के बजाय लूना-25 मिशन के जरिए बना है। नया गड्ढा 10 मीटर डाइमीटर का है। यह लूना-25 की लैंडिंग साइट से लगभग 400 किमी दूर है।

50 साल बाद रूस ने भेजा था चंद्रयान

रूस का लूना-25 साल 1976 के बाद पहला स्पेसक्राफ्ट था, जो चांद पर भेजने के लिए लॉन्च हुआ था। रूस ने 10 अगस्त को लूना-25 स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया था। रूस का लक्ष्य था कि उसका स्पेसक्राफ्ट 21 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरे। जब स्पेसक्राफ्ट को प्री लैंडिंग ऑर्बिट में स्थापित किया जाने लगा तो यह अनियंत्रित हो गया। रूसी स्पेस एजेंसी ने बताया था कि थ्रस्टर समय से ज्यादा चलता रहा, जिसके कारण यह सीधे सतह की ओर बढ़ गया। 

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