संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान बार-बार कश्मीर मुद्दा उठाकर और झूठ फैलाकर इस वैश्विक मंच का दुरुपयोग कर रहा है। ऐसे में इस बार भारत ने जमकर पाकिस्तान की बैंड बजाई है। संयुक्त राष्ट्र के सामने भारत ने पाकिस्तान को यूएन के मंच का इस्तेमाल झूठ फैलाने के लिए करने पर जमकर खिंचाई की है। भारत ने इस्लामाबाद की आलोचना करते हुए कहाकि किसी भी तरह का दुष्प्रचार जमीनी स्तर पर तथ्यों को नहीं बदल देगा। सूचना से संबंधित प्रश्नों पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की चौथी समिति की आम बहस को संबोधित करते हुए, राज्यसभा सदस्य राजीव शुक्ला ने मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि विश्वास, जवाबदेही और सुशासन को बढ़ावा देने के लिए सूचना तक समावेशी पहुंच आवश्यक है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक (पाकिस्तानी) प्रतिनिधिमंडल ने एक बार फिर झूठ फैलाने के लिए इस प्रतिष्ठित मंच का इस्तेमाल किया है। दुष्प्रचार और गलत सूचना का सहारा लेना इस प्रतिनिधिमंडल की आदत है।’’ पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर मुद्दा उठाए जाने के बाद, संयुक्त राष्ट्र की बहस में कड़ा जवाब देते हुए शुक्ला ने कहा, ‘‘मुझे स्पष्ट करने दीजिए। वास्तविक लोकतंत्र अलग ढंग से कार्य करते हैं। हाल में संपन्न स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने रिकॉर्ड संख्या में मतदान किया है।’’ जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में 18 सितंबर से एक अक्टूबर तक विधानसभा चुनाव हुए।
पाकिस्तान के झूठ को किया बेनकाब
शुक्ला ने कहा, ‘‘किसी भी तरह का दुष्प्रचार और गलत सूचना जमीनी स्तर पर तथ्यों को नहीं बदलेगी। मैं इस प्रतिनिधिमंडल से उसके विभाजनकारी, राजनीतिक एजेंडे के लिए इसका इस्तेमाल करने के बजाय इस मंच में अधिक रचनात्मक रूप से शामिल होने का आग्रह करता हूं।’’ कांग्रेस नेता, संयुक्त राष्ट्र में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए गए भारत के 12 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। शुक्ला ने कहा कि 'वसुधैव कुटुंबकम' के सिद्धांत का पालन करने वाला भारत इस बात पर जोर देता है कि सूचना को राष्ट्रीयता, लिंग, धर्म या संस्कृति की बाधाओं से परे होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘एक जागरूक नागरिक गलत सूचना से निपटने, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और सरकारों को जवाबदेह ठहराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।’’
पाकिस्तान फैला रहा भ्रामक सूचना
सांसद ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप भारत मानवता की सामूहिक प्रगति के लिए विश्वसनीय सूचना के माध्यम से लोगों को सशक्त बनाने में विश्वास रखता है। शुक्ला ने रेखांकित किया कि गलत सूचना और भ्रामक सूचना गंभीर जोखिम पैदा करती है, सार्वजनिक संस्थानों में विश्वास घटाती है और समुदायों को विभाजित करती है। संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के संबंध में शुक्ला ने कहा कि भारत, तैनाती वाले क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस महत्वपूर्ण मुद्दे के महत्व को रेखांकित करते हैं तथा वैश्विक संचार विभाग (डीजीसी) से आग्रह करते हैं कि वह क्षेत्रीय मिशन के साथ मिलकर काम करे तथा इसके समाधान के लिए अपनी संचार रणनीतियों को उसी अनुसार तैयार करे।’’
उन्होंने कहा कि शांति सेना संबंधी वेबसाइटों को स्थानीय भाषाओं में जारी रखना, इस सूचना की पहुंच को और व्यापक बनाने के लिए एक उपयोगी कदम होगा। शुक्ला ने कहा, ‘‘हिंदी में संयुक्त राष्ट्र के सोशल मीडिया अकाउंट की सफलता, जिसे काफी संख्या में लोग फॉलो कर रहे हैं, विविध भाषाओं में संपर्क के महत्व को रेखांकित करती है। इस तरह के प्रयासों का विस्तार वैश्विक समावेशिता को बढ़ाएगा और समुदायों के साथ उनकी मूल भाषाओं में व्यापक जुड़ाव को बढ़ावा देगा। (भाषा)