वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने की दावेदार निक्की हेली भले ही अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंदी डोनॉल्ड ट्रंप को अब तक एक भी प्राइमरी चुनाव में नहीं हरा पाई हैं, लेकिन उनका हौसला कम नहीं हुआ है। उन्होंने आखिरी दम तक ट्रंप के खिलाफ मैदान में अकेली ही डटे रहने का फैसला किया है। भारतीय मूल की निक्की हेली का कहना है कि वह ट्रंप को भले अब तक नहीं हरा पाई हैं, लेकिन उनसे पहले दौर में शामिल 12 अन्य नेताओं को हराया है। इसलिए वह हताश नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि निक्की हेली के प्रचार अभियान दल ने उन्हें फाइट में बनाए रखने के लिए फरवरी में 1.2 करोड़ डॉलर का चंदा जुटाए जाने की घोषणा की है। पार्टी की सांसद लीसा मुर्कोव्स्की के भारतीय-अमेरिकी नेता का समर्थन करने के साथ ही हेली को अपनी पहली सीनेटर समर्थक मिल गईं। रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने की दौड़ में हेली (51) को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (77) से कड़ी टक्कर मिल रही है और वह अभी तक एक भी प्राइमरी चुनाव नहीं जीत पाई हैं, लेकिन हेली का कहना है कि वह तीसरी पार्टी के उम्मीदवार या निर्दलीय के तौर पर चुनाव में उतरने के बारे में नहीं सोच रहीं और वह पूरी तरह से रिपब्लिकन नेता हैं।
निक्की ने कहा कि ट्रंप से हारने पर निर्दलीय नहीं लड़ेंगी चुनाव
हेली ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़े होने को लेकर मैंने कभी कोई बात नहीं की।’’ उन्होंने वाशिंगटन डीसी में अपने समर्थकों से कहा, ‘‘जब मैं दौड़ में उतरी थी.तब 14 प्रतिभागी थे। मैंने 12 लोगों को हराया। मुझे बस एक और को पीछे छोड़ना है।’’ इस बीच, हेली को अलास्का से सीनेटर लीसा मुर्कोव्स्की का समर्थन मिला। मुर्कोव्स्की हेली को समर्थन देने वाली पहली सीनेटर हैं। मुर्कोव्स्की ने कहा, ‘‘मुझे निक्की हेली को समर्थन देते हुए बहुत खुशी हो रही है।
अमेरिका को अपने अगले राष्ट्रपति के रूप में सही मूल्यों, जोश और निर्णय लेने की क्षमता वाले किसी व्यक्ति की आवश्यकता है और इस दौड़ में उनसे बेहतर कोई नहीं है।’’ हेली ने उन्हें समर्थन देने के लिए मुर्कोव्स्की को धन्यवाद दिया। हेली के प्रचार अभियान दल ने घोषणा की कि भारतीय-अमेरिकी नेता ने फरवरी में 1.2 करोड़ डॉलर चंदा जुटाया जबकि जनवरी में उन्होंने अब तक का सर्वाधिक 1.65 करोड़ डॉलर का चंदा जुटाया था। (भाषा)
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