अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार निखिल गुप्ता ने अपनी जान को खतरा बताया है। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट से अपील करके इस मामले में भारत सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है। निखिल गुप्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें चेक गणराज्य की अदालत से संपर्क करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट में निखिल गुप्ता ने कहा कि उन्हें प्राग में अवैध रूप से हिरासत में लिया जा रहा है और उन्हें जान को खतरे का डर है। साथ ही उन्होंने जबरन गाय और सूअर का मांस खिलाए जाने का आरोप भी लगाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को निखिल गुप्ता के परिवार से कहाकि जिस व्यक्ति पर संयुक्त राज्य अमेरिका ने सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था उनके धार्मिक और मानवाधिकारों के उल्लंघन के दावों पर राहत के लिए चेक गणराज्य की अदालत से संपर्क करें। अदालत ने इस मामले पर अपनी तरफ से तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया। साथ ही याचिकाकर्ता को 4 जनवरी की अगली तारीख तय करने से पहले सरकार के पास एक प्रति दाखिल करने को कहा।
प्राग जेल में बंद हैं निखिल गुप्ता
निखिल गुप्ता संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्यर्पण की प्रतीक्षा में प्राग की जेल में हैं और उन्होंने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत से भारत को हस्तक्षेप करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। मगर अदालत ने इसे विदेश मंत्रालय के लिए एक "बेहद संवेदनशील मामला" माना, और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने पहले याचिकाकर्ता को "भारत के बाहर की अदालत में जाने" का निर्देश दिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि किसी दूसरे देश में गिरफ्तारी पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पास कोई अधिकार नहीं है।
निखिल ने कहा गिरफ्तारी से पहले नहीं दिया नोटिस
न्यायमूर्ति खन्ना ने प्राग में हिरासत में लिए गए निखिल गुप्ता की याचिका पर कहा कि आपने शपथ पत्र नहीं दिया है. यदि किसी भी कानून का उल्लंघन होता है... तो आपको वहां अदालत में जाना होगा। याचिका में कहा गया था, "...प्राग में गिरफ्तारी की परिस्थितियां अनियमितताओं से चिह्नित थीं। कोई औपचारिक गिरफ्तारी वारंट प्रस्तुत नहीं किया गया था और स्थानीय चेक अधिकारियों के बजाय खुद को अमेरिकी एजेंट बताने वालों ने गिरफ्तार किया। याचिकाकर्ता ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी में "मौलिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन" किया गया है, जिसमें "गोमांस और सूअर का जबरन सेवन" कराना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि कट्टर हिंदू और शाकाहारी होने के बावजूद उन्हें इसका सेवन कराया गया।
निखिल पर है अमेरिका का ये आरोप
52 वर्षीय निखिल गुप्ता पर अमेरिकी-कनाडाई नागरिकता रखने वाले खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू की हत्या के लिए एक हिटमैन को नियुक्त करने की कोशिश करने का आरोप है। 'हिटमैन' एक गुप्त अमेरिकी संघीय एजेंट था। किराये के बदले हत्या और साजिश के आरोप में दोषी पाए जाने पर उसे 20 साल की जेल की सजा का सामना करना पड़ेगा। अमेरिका ने भारत सरकार के एक कर्मचारी पर भी आरोप लगाया है, जिसकी पहचान फिलहाल गुप्त रखी गई है।