केप केनवरल: इंसानों की चांद को पाने की चाहत पूरी नहीं पा रही। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा पिछले कई वर्षों से मानवों को चांद पर भेजने के मिशन पर काम कर रही है, लेकिन हर बार नासा को इसमें निराशा हाथ लग रही है। इससे यह साफ हो गया है कि इंसानों के लिए चांद को हासिल करना इतना भी आसान नहीं है। बता दें कि नासा ने अपोलो मिशन के 50 वर्ष से अधिक समय बाद अंतरिक्ष यात्रियों को एक बार फिर चंद्रमा पर भेजने के मिशन में लगातार प्रयासरत है।
मगर नासा ने इस मिशन के एक बार फिर फेल होने की जानकारी दी है। बृहस्पतिवार को नासा ने बताया कि अब इस मिशन में अधिक देरी हो सकती है। 50 वर्षों बाद चांद की सतह पर जाने लिए इंसान बेताब है, लेकिन कोई न कोई खामी हर बार चांद पर जाने की राह में बाधक बन रही है। नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा कि चंद्रमा अन्वेषण कार्यक्रम ‘आर्टेमिस’ में शामिल अगला मिशन अब अप्रैल, 2026 के लिए प्रस्तावित है, जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा के चारों ओर भेजना और वापस लाया जाना है।
2027 तक के लिए टला तीसरा मिशन
नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार मनुष्यों को चांद पर भेजने का तीसरा आर्टेमिस मिशन कम से कम 2027 तक के लिए टल जाएगा, जिसके तहत दो अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजा जाना है। इससे पहले नासा ने इस मिशन को 2026 तक चंद्रमा पर भेजने का लक्ष्य रखा था। नासा के अपोलो कार्यक्रम के दौरान 24 अंतरिक्ष यात्री चन्द्रमा पर गए थे, जिनमें से 12 वहां उतरे थे। (भाषा)