Highlights
- 1987 से कैलिफोर्निया से सांसद है
- सदन की अध्यक्ष के रूप मे चुनी जाने वालीं पहली महिला बनी थी
- उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बाद सीनियरिटी में तीसरे नंबर पर आती है
Nancy Pelosi: अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी मंगलवार की रात ताइवान में कदम रखा। इसके साथ ही वह 25 साल में स्वशासित द्वीप का दौरा करने वाली अमेरिका की सर्वोच्च अधिकारी बन गई हैं। पेलोसी की यात्रा से चीन और अमेरिका के बीच कड़वाहट बढ़ गई है। चीन दावा करता रहा है कि ताइवान उसका भाग है। वह विदेशी नेता और अधिकारियों के ताइवान दौरे का विरोध करता है क्योंकि उसे लगता है कि यह द्वीपीय क्षेत्र को संप्रभु के रूप में मान्यता देने के समान है। चीन ने धमकी दी थी कि यदि पेलोसी ताइवान की यात्रा करती हैं तो इसके ‘‘गंभीर परिणाम’’ भुगतने होंगे। अमेरिकी वायुसेना के विमान से पहुंची पेलोसी और उनके प्रतिनिधिमंडल का ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने ताइपे हवाई अड्डे पर स्वागत किया। पूरी दुनिया की नजर इस यात्रा पर टिकी हुई है। नैंसी पेलोसी ने चीन से आखों में आख डालकर बात किया है। ये नैंसी पेलोसी कौन है। आज इनके बारे में जानेंगे और बाइडन सरकार में कितनी अहमियत है।
ये नैंसी पेलोसी कौन है।
नैन्सी पेलोसी एक अमरिकी वरीष्ठ नेता है। इटली मूल की नैंसी पेलोसी अमेरिका की राजनिती में एक अहम जगह रखती है। राष्ट्रपति बाइडन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बाद सीनियरिटी में तीसरे नंबर पर आती है। वो पिछले 25 सालों में ताइवान का दौरा करने वाली वह सर्वोच्च निर्वाचित प्रतिनिधी हैं आपको बता दें कि वो 1987 से कैलिफोर्निया से सांसद है। इस वक्त नीचले सदन की स्पीकर भी है। वो सदन की अध्यक्ष के रूप मे चुनी जाने वालीं पहली महिला बनी थी। वे लगातार दूसरी बार सदन की अध्यक्ष बनी है। नैंसी अमेरिकी संसद में लगभग तीन साल से अधिक समय पूरा कर लिया है। ऐसा कहा जाता है कि वो चाइना को लेकर हमेशा मुखर रही है। उन्होंने मुख्य रूप से मानवाधिकारों के उल्लंघन के आधार पर चीन की अक्सर आलोचना की है। स्पीकर पेलोसी की वेबसाइट पर, "चीन में मानवाधिकारों के लिए एक शक्तिशाली आवाज़" नामक एक खंड वर्षों से उनके रुख को सूचीबद्ध करता है। "तीन दशकों से अधिक समय से, स्पीकर नैन्सी पेलोसी चीन में मानवाधिकारों के लिए कांग्रेस में सबसे उग्र और सबसे मजबूत चैंपियनों में से एक रही हैं वहीं इनके पिता थॉमस डी एलेजांद्रारो जूनिया अमेरिका के बड़े नेता थे। जुनियर के पांच बेटे थे और इकलौती बेटी थी
नैंसी पेलोसी से चाइना परेशान क्यों हैं?
नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से पता चलता है कि अमेरिका इस देश को चीन के खिलाफ समर्थन देने के लिए तैयार है। यानी वो ताइवान की आजादी का समर्थन कर रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय ने एक कड़ा बयान जारी कर कहा कि उनकी यात्रा "एक-चीन सिद्धांत और चीन-अमेरिका के तीन संयुक्त सहमति पत्रों के प्रावधानों का गंभीर उल्लंघन है।” चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है और कहता है कि वह उसे अपने में मिलाएगा। बयान में कहा गया है, ‘‘यह चीन-अमेरिका संबंधों की राजनीतिक नींव पर गंभीर प्रभाव करता है और चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का गंभीर रूप से उल्लंघन करता है। यह ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को गंभीर रूप से कमजोर करता है और अलगाववादी ताकतों को 'ताइवान की स्वतंत्रता' के लिए गंभीर रूप से गलत संकेत भेजता है।”
बयान में कहा गया है, “चीन इसका कड़ा विरोध करता है और कड़ी निंदा करता है ।’’ चीन ने अमेरिका के सामने कड़ा सख्त राजनयिक विरोध जताया है। उसने बयान में कहा है, “ताइवान का मसला चीन का आंतरिक मामला है और किसी भी अन्य देश को यह अधिकार नहीं है कि वह ताइवान के मसले पर न्यायाधीश बनकर काम करे।” विदेश मंत्रालय ने कहा, “चीन अमेरिका से ‘ताइवान कार्ड' खेलना और चीन को नियंत्रित करने के लिए ताइवान का उपयोग बंद करने का आग्रह करता है। इसे ताइवान में दखल देना और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना बंद कर देना चाहिए।” उसने कहा कि दुनिया में केवल एक-चीन है, ताइवान चीन के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है, और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार पूरे चीन का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र कानूनी सरकार है।