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Monkeypox: मंकीपॉक्स सतह पर रहते हैं एक्टिव, शोध में हुआ खुलासा

Monkeypox: अमेरिकी रोग नियंत्रण निकाय सीडीसी द्वारा मंकीपॉक्स पर किए गए एक नए अध्ययन से अब पता चलता है कि वायरस नियमित रूप से कीटाणुरहित करने के बावजूद कई दिनों तक कई सामान्य घरेलू वस्तुओं पर रह सकता है।

Edited By: India TV News Desk
Published : Aug 20, 2022 16:45 IST, Updated : Aug 20, 2022 16:49 IST
Monkeypox
Image Source : AP Monkeypox

Highlights

  • वायरस सतहों पर कई दिनों तक रहते हैं
  • लक्षण शुरू होने के 20 दिन बाद 70 प्रतिशत वायरस पाया गया
  • 1958 में पहली बार 'मंकीपॉक्स' वायरस नाम दिया गया था

Monkeypox: अमेरिकी रोग नियंत्रण निकाय सीडीसी द्वारा मंकीपॉक्स पर किए गए एक नए अध्ययन से अब पता चलता है कि वायरस नियमित रूप से कीटाणुरहित करने के बावजूद कई दिनों तक कई सामान्य घरेलू वस्तुओं पर रह सकता है। इस अध्ययन के लिए दो मंकीपॉक्स रोगियों ने इस संबंध में बताया है कि ये वायरस सतहों पर कई दिनों तक रहते हैं और जिस जगह रहते हैं उस जगह को कीटाणुरहित करते देते हैं। हम दिन में कई बार हाथ धोते हैं और अधिक बार स्नान करते हैं। इसके बावजूद शोधकर्ताओं ने अपने लक्षण शुरू होने के 20 दिन बाद 70 प्रतिशत वायरस पाया गया। इनमें सोफे, कंबल, एक कॉफी मशीन, कंप्यूटर माउस और लाइट स्विच शामिल थे।

क्या सतह पर वायरस जिंदा रहते हैं?

इस अध्ययन के दौरान पाया गया कि वस्तुओं और सतह पर पाया गया वायरस पुरी तरह से नहीं मारा था। सक्रमण फैलने का चांस था। सीडीसी ने कहा कि सफाई और कीटाणुशोधन प्रथाओं से घर में संदूषण की मात्रा सीमित हो सकती है। अमेरिकी रोग नियंत्रण निकाय ने मंकीपॉक्स वाले किसी व्यक्ति के घर जाने वाले लोगों को सलाह दी कि वे "अच्छी तरह से फिटिंग वाला मास्क पहनकर संभावित रूप से दूषित सतहों को छूने से बचें, हर समय हाथ धोते रहे हैं, खाने के बर्तन, कपड़े, बिस्तर घर वालों से शेयर करने बचे। मंकीपॉक्स किसी ऐसे व्यक्ति के साथ निकट संपर्क के माध्यम से फैलता है, जिसे मंकीपॉक्स रैश है। जिसमें आमने-सामने, त्वचा से त्वचा, मुंह से मुंह या मुंह से त्वचा का संपर्क शामिल है, जिसमें यौन संपर्क भी शामिल है। यह मुंह में छालों, घावों या घावों के माध्यम से सांस की बूंदों से भी फैल सकता है। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय डब्ल्यूएचओ ने पहले स्पष्ट किया था कि 'दूषित वातावरण' से संक्रमित होना भी संभव है। उदाहरण के लिए जब कोई संक्रामक व्यक्ति कपड़ों, बिस्तरों, तौलिये, वस्तुओं, इलेक्ट्रॉनिक्स और सतहों को छूता है तो ये सभी चीज संक्रमित हो सकते हैं। 

जानवरों में फैल रहें है ये वायरस 
इंसान के माध्यम से कुत्ते में मंकीपॉक्स वायरस फैलने का केस सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने भी चिंता जताई है। WHO ने मंकीपॉक्स का शिकार होने वाले लोगों को जानवरों के संपर्क में न आने की सलाह दी है। WHO के आपात निदेशक माइकल रयान के अनुसार, यह एक ज्यादा खतरनाक स्थिति है। हालांकि उन्हें उम्मीद है कि यह वायरस एक ही कुत्ते में एक इंसान की तुलना में तेजी से नहीं विकसित होगा। लेकिन उन्होंने बताया कि लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। 

इस कारण मंकीपॉक्स मिला नाम 

1958 में पहली बार 'मंकीपॉक्स' वायरस नाम दिया गया था। प्रमुख प्रकारों की पहचान उन भौगोलिक क्षेत्रों द्वारा की गई थी। जहां इसका प्रकोप हुआ था। डब्ल्यूएचओ ने जुलाई के अंत में आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि बहु-देशीय मंकीपॉक्स का प्रकोप इस समय अंतरराष्ट्रीय चिंता का एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बन गया है। बुधवार को प्रकाशित मंकीपॉक्स के प्रकोप पर डब्ल्यूएचओ की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर के 89 देशों और क्षेत्रों में अब तक 27,814 प्रयोगशाला-पुष्टि के मामले सामने आए हैं। इस बीमारी से 11 मौतें हुई हैं, जिनमें यूरोप और अमेरिका सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।

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