Highlights
- अमेरिका में प्रति एक लाख लोगों पर मंकीपॉक्स का एक मामला सामने आया है।
- स्पेन में प्रति एक लाख लोगों पर संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 7 है।
- न्यूयॉर्क सिटी में मंकीपॉक्स से संक्रमण के 1040 मामले सामने आए हैं।
Monkeypox in US: अमेरिका में आने वाले दिनों में मंकीपॉक्स के दुनिया में सबसे ज्यादा मामले देखने को मिल सकते हैं। डेली मेल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी अमेरिका में प्रति एक लाख लोगों पर संक्रमण की दर यूरोप के कुछ देशों को मुकाबले कम है, लेकिन आगे चलकर इसमें तेज बढ़ोत्तरी हो सकती है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानी कि CDC के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में मंगलवार तक मंकीपॉक्स के 3,487 मामले आ चुके थे जो कि सिर्फ स्पेन (3,596) से ही कम है।
स्पेन में तेजी से फैला है संक्रमण
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में प्रति एक लाख लोगों पर मंकीपॉक्स का एक मामला सामने आया है, जबकि स्पेन में प्रति एक लाख लोगों पर संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 7 है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अमेरिका की जनसंख्या स्पेन से 7 गुना है। फिलहाल अमेरिका में मंकीपॉक्स से संक्रमण की दर यूके और जर्मनी सहित कई अन्य यूरोपिय देशों से कम है। यूके और जर्मनी में फिलहाल प्रत्येक एक लाख लोगों में से तीन लोग मंकीपॉक्स से पीड़ित पाए जा रहे हैं।
अमेरिका में तेजी से बढ़ सकते हैं मामले
विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे टेस्टिंग की सुविधा बढ़ेगी, वैसे-वैसे मंकीपॉक्स के ज्यादा मामले सामने आते जाएंगे। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में अमेरिका में मंकीपॉक्स के मामलों की संख्या दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा हो सकती है। अमेरिका के कई इलाको में मंकीपॉक्स के काफी ज्यादा मामले देखने को मिले हैं। न्यूयॉर्क सिटी में फिलहाल इसके 1040 मामले सामने आए हैं जो कि अमेरिका में सबसे ज्यादा है। वहीं, कैलिफोर्निया में 356 और इलिनोइस में 341 मामले सामने आ चुके हैं।
8 साल तक के बच्चों में भी फैला वायरस
चिंता की बात यह है कि यह वायरस पहले ही 8 साल तक के बच्चों में फैल चुका है जो कि शारीरिक रूप से काफी कमजोर होते हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इस संक्रमण से बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं। CDC ने जानकारी दी कि कैलिफोर्निया में अब तक 2 बच्चों में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है। डेली मेल की रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादा मामले सामने आने के बाद अब अमेरिका में टेस्टिंग तेज कर दी गई है।