लॉस एंजिलिसः दुनिया की जानी-मानी सोशल नेटवर्किंग साइट मेटा ने भारत और अमेरिका समेत अन्य देशों में चुनाव शुरू होने से पहले बड़ा फैसला किया है। इससे दुनिया भर की तमाम राजनीतिक पार्टियों को बड़ा झटका लगना तय माना जा रहा है। साथ ही मेटा का यह फैसला करोड़ों उपयोगकर्ताओं के लिए भी बड़ा झटका है। उल्लेखनीय है कि मेटा ने अप्रैल की शुरुआत में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के उपयोगकर्ताओं के लिए ‘फेसबुक न्यूज’ फीचर को समाप्त करने की योजना बनाई है और कंपनी का विचार समाचारों और राजनीति पर कम जोर देने का है। इसका मतलब साफ है कि राजनीतिक पार्टियां अब अपना प्रचार न्यूज के रूप में इस एप पर नहीं कर पाएंगी। भारत में अप्रैल में और अमेरिका में नवंबर 2024 में चुनाव है। ऐसे वक्त में मेटा का यह फैसला विश्वभर की राजनीतिक पार्टियों के लिए भी बड़ा झटका है। क्योंकि अब राजनीतिक खबरें भी इस एप पर नहीं चलाई जा सकेंगी।
यह सुविधा ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी में पिछले साल बंद कर दी गई थी। ‘फेसबुक न्यूज’ टैब की शुरुआत 2019 में की गई थी और इसमें राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय समाचार संस्थानों के साथ छोटे और स्थानीय प्रकाशनों की खबरों को जारी किया जाता है। मेटा का कहना है कि उपयोगकर्ता अभी भी समाचार लेखों के लिंक देख पाएंगे, और समाचार संस्थान अन्य आम लोगों या संस्थाओं की तरह अब भी अपनी खबरें पोस्ट कर पाएंगे और वेबसाइट का प्रचार कर सकेंगे।
मेटा ने क्यों किया ये फैसला
मेटा ने अपने मंच पर दुष्प्रचार वाले तरीकों से निपटने को लेकर पिछले कुछ सालों में हुई आलोचना के बाद खबरों और राजनीतिक सामग्री पर जोर नहीं देने का फैसला किया है। मेटा के प्रवक्ता डेनी लीवर ने कहा, ‘‘यह घोषणा राजनीतिक विषयवस्तु को संभालने की दिशा में हमारे सालों के कामकाज का विस्तार है। यह इस पर आधारित है कि लोग हमसे क्या चाहते हैं।’’ मेटा ने यह भी कहा कि ‘न्यूज’ टैब उसके ‘फैक्ट चेक’ नेटवर्क और गलत सूचनाओं की समीक्षा करने के तौर-तरीकों को प्रभावित नहीं करेगा। हालांकि, कंपनी के लिए दुष्प्रचार अब भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है जबकि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया जारी है। (एपी)
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