Larry Fink: अगर आपसे कोई सवाल पूछे कि दुनिया का सबसे अमीर शख्स या सबसे ज्यादा पैसे वाला आदमी कौन है? आप जवाब देंगे कि टेस्ला, एक्स (ट्विटर), स्पेसएक्स कैसी कंपनियों के मालिक एलन मस्क। आपका यह उत्तर भी सही है, लेकिन क्या आपको मालुम है कि दुनिया में एक ऐसा भी शख्स है, जीके पास एलन मस्क से भी कहीं ज्यादा पैसा है। एलन मस्क के पास मौजूदा समय में लगभग 232.5 बिलियन डॉलर की सम्पत्ति है। भारतीय रुपए में हिसाब लगायें तो मस्क के पास इस समय लगभग 19368063750000 रुपए की संपत्ति है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस दुनिया में एक ऐसा भी शख्स है, जिसके पास मस्क से भी ज्यादा पैसे हैं। लेकिन दुनिया के अमीरों की लिस्ट से इस अमीर का नाम गायब है।
यह इंसान 78 लाख करोड़ से अधिक के फंड्स को करता है मैनेज
यह शख्स कोई और नहीं बल्कि ब्लैकरॉक कंपनी के सहसंस्थापक और CEO लैरी फिंक हैं। बता दें कि ब्लैकरॉक कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी है और यह कंपनी अभी 9.43 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा का एसेट संभाल रही है। पिछले साल की तुलना में इसमें 11 फीसदी तेजी आई है जबकि पिछली तिमाही के मुकाबले यह चार फीसदी बढ़ा है। इसे भी अगर भारतीय मुद्रा में बदलें तो लैरी फिंक इस समय 78,54,75,62,20,00,000 (78 लाख करोड़ से अधिक) रुपये से भी ज्यादा की रकम संभाल रहे हैं। अगर इसे कुछ तथ्यों के हिसाब से देखें तो यह रकम अमेरिका की कुल जीडीपी की आधी है और भारतीय अर्थव्यवस्था से तीन गुना से भी ज्यादा है। अगर यूं कहें कि यह रकम इतनी है कि इससे पाकिस्तान जैसे 50 से भी ज्यादा देश ख़रीदे जा सकते हैं।
कौन है लैरी फिंक?
2 नवंबर 1952 अमेरिका के कैलीफोर्निया में जन्मे लैरी फिंक शुरुआत से ही शेयर मार्केट में गहरी रूचि रखते थे। लैरी ने मात्र 23 साल की उम्र में बोस्टन बैंक में काम करना शुरू किया। यहां इन्होंने एक नई रणनीति के तहत लोन बांटने की शुरू की। 23 साल की उम्र में काम शुरू करने वाले लैरी 31 साल की उम्र में लैरी फिंक इसके एमडी बन गए। जिस साल यह एमडी बने, उस साल कंपनी ने 1 बिलियन डॉलर का मुनाफा कमाया। सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन तभी कंपनी को एक आर्थिक क्वाटर (3 महीने) में ही 100 मिलियन डॉलर का नुकसान हो गया। इसके साथ ही कंपनी ने लैरी फिंक के साथ रिश्ता तोड़ लिया और कंपनी से बाहर का रास्ता दिख दिया।
लैरी फिंक ने कैसे शुरू किया काम?
साल 1988 में लैरी ने 35 साल की उम्र में अपने 7 और दोस्तों सुसान वैगनर, रॉबर्ट एस. कपितो, बारबरा नोविक, राल्फ स्क्लोस्टीन, ह्यूग आर. फ्रेटर, बेन गोलूब और कीथ एंडरसन के साथ मिलकर काम शुरू किया। इसमें उनका साथ दिया ब्लैकस्टोन के मालिक स्टीफ़न ए. श्वार्ज़मैन। इन्होंने लैरी को 5 मिलियन डॉलर दिए और काम शुरू हुआ। धीरे-धीरे काम चल रहा था लेकिन बड़ा हाथ काम इन्हें तब मिला जब जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के सीईओ जैक वेल्च के पास कई ऐसे एसेट फंसे हुए थे, जो किसी के भी समझ से परे थे। लैरी फिंक को बुलाया गया तो उन्होंने इस समस्या को सुलझा दिया। इस काम की बदौलत लैरी का नाम मार्किट में छा गया और GE ने भी अपने कई काम लैरी की कंपनी को सौंप दिए। इस काम की शुरुआत करने के पांच साल में ही लैरी 20 बिलियन डॉलर संभालने लगे। हालांकि इसी के साथ लैरी फिंक ब्लैकस्टोन से अलग हो गए और ऐसे ब्लैकरॉक कंपनी स्थापना हुई। कहा जाता है कि लैरी को अलग करना स्टीफन की सबसे बड़ी गलती माना जाता है।
एप्पल और फेसबुक जैसी कंपनियों में भी है हिस्सेदारी
लैरी के बारे में एक बात और कही जाती है कि इस शख्स के पास पूरी दुनिया की कंपनियों की चाबी है। लैरी के पास शेयर मार्केट का एक ऐसा पोर्टफोलियो है, जो शायद ही किसी के पास हो। लैरी की कंपनी ब्लैकरॉक के पास दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी ऐपल (Apple) में इसकी 6.5 परसेंट हिस्सेदारी है। इसी तरह वेरिजॉन और फोर्ड में इसकी 7.25 परसेंट, फेसबुक (Facebook) में 6.5 परसेंट, वेल्स फर्गो में सात परसेंट, जेपीमोर्गन (JPMorgan) में 6.5 परसेंट और डॉयचे बैंक में 4.8 परसेंट हिस्सेदारी है। गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक में ब्लैकरॉक की 4.48 फीसदी हिस्सेदारी है। भारत की भी कई बड़ी कंपनियों में इसकी हिस्सेदारी है।
2008 की आथिक महामंदी से अमेरिका को उबारा
आपको याद होगा कि साल 2008 में दुनिया में आर्थिक हाहाकार मचा हुआ था। दुनिया की कई बैंक दिवालिया हो गई थीं। यहां तक की दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका भी दिवालिया होने की कगार पर आ गया था। तब अमेरिकी सरकार ने लैरी फिंक से इस संकट से उबारने की रणनीति बनाने को कहा और वह इसमें सफल भी हुए। हालांकि कुछ लोग कहते हैं कि इस संकट को लाने वाले लोगों में एक लैरी फिंक भी थे। इसके बाद जब जब 2020 में कोरोना महामारी के कारण जब बॉन्ड मार्केट बुरी तरह हिल गया था तो एक बार फिर ब्लैकरॉक ने स्थिति संभाली थी। कहा जाता है कि लैरी फिंक वह शख्स है जो नुकसान में फायदा कमाना और दूसरों कमवाना जानते हैं।