Friday, November 22, 2024
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जानें किस चक्कर में ओरियन लगा आया चांद का चक्कर, NASA के वैज्ञानिकों ने मनाया जश्न

NASA Moon Mission: अभी तक आपने मानवों के चांद पर उतरने का इतिहास ही पढ़ा रहा होगा, लेकिन क्या आप कभी चांद का चक्कर लगाने की परिकल्पना भी कर सकते हैं। शायद यह परिकल्पना बेहद रोमांचक है, लेकिन नामुमकिन सी लगती है। मगर मानव न ही सही, नासा के वैज्ञानिकों के कमाल से एक अंतरिक्ष यान चांद का चक्कर लगा आया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: November 23, 2022 13:33 IST
चांद का चक्कर लगाता नासा का ओरियन- India TV Hindi
Image Source : IANS चांद का चक्कर लगाता नासा का ओरियन

NASA Moon Mission: अभी तक आपने मानवों के चांद पर उतरने का इतिहास ही पढ़ा रहा होगा, लेकिन क्या आप कभी चांद का चक्कर लगाने की परिकल्पना भी कर सकते हैं। शायद यह परिकल्पना बेहद रोमांचक है, लेकिन नामुमकिन सी लगती है। मगर मानव न ही सही, नासा के वैज्ञानिकों के कमाल से एक अंतरिक्ष यान चांद का चक्कर लगा आया है। चांद के चक्कर लगाने से आगे वैज्ञानिक क्या हासिल करेंगे, यह सब भी आपको बताने चल रहे हैं। मगर पहले समझिए कि चांद का चक्कर लगाने वाला यह अंतरिक्ष यान है कौन?

नासा के ओरियन अंतरिक्ष यान ने मानव रहित आर्टेमिस मिशन के हिस्से के रूप में चंद्रमा की सतह के 130 किलोमीटर के दायरे से गुजरने के लिए अपना पहला मून फ्लाईबाई सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। नासा के अनुसार आर्टेमिस मिशन में अपने छठे दिन ओरियन ने चंद्रमा के चारों ओर एक दूर प्रतिगामी कक्षा में प्रवेश करने के लिए आवश्यक दो सहायक इंजनों का उपयोग करके चौथे कक्षीय प्रक्षेपवक्र को सफलतापूर्वक पूरा किया।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने मंगलवार देर रात एक बयान में कहा कि ओरियन अंतरिक्ष यान ने 21 नवंबर को चंद्रमा के नजदीक से उड़ान भरी थी। उसे चांद का चक्कर लगाने में छह दिन का वक्त लगा है।

अब तक 216,842 मील की यात्रा कर चुका ओरियन
आर्टेमिस मिशन के मैनेजर माइक सराफिन ने कहा, योजना के मुताबिक मिशन आगे बढ़ रहा है और हमारी संचालन टीम और अंतरिक्ष यान ओरियन अच्छा काम कर रहे हैं। ओरियन शुक्रवार को चंद्रमा से परे दूर प्रतिगामी कक्षा में प्रवेश करेगा, जिसे दूरस्थ प्रतिगामी कक्षा सम्मिलन बर्न कहा जाता है। यह कक्षा अत्यधिक स्थिर कक्षा प्रदान करती है, जहां पृथ्वी से दूर चरम वातावरण में ओरियन के सिस्टम को परीक्षण के लिए रखने को गहरे अंतरिक्ष में विस्तारित यात्रा के लिए बहुत कम ईंधन की आवश्यकता होती है। अपोलो 13 द्वारा निर्धारित रिकॉर्ड को पार करते हुए ओरियन 25 नवंबर को चंद्रमा से अपने सबसे दूर बिंदु लगभग 57,287 मील की यात्रा करेगा। ओरियन ने पृथ्वी से 216,842 मील की यात्रा की है और चंद्रमा से 13,444 मील की दूरी पर 3,489 मील प्रति घंटे की गति से यात्रा की है।

नासा का पहला एकीकृत उड़ान परीक्षण
ओरियन नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम (एएलएस) रॉकेट का पहला एकीकृत उड़ान परीक्षण है। 2025 में नासा ने 1972 में अपोलो 17 मिशन के बाद से पहली क्रू मून लैंडिंग शुरू करने की योजना बनाई है। इसमें चंद्रमा पर चलने वाली पहली महिला और रंग का पहला व्यक्ति शामिल होगा। आर्टेमिस गहरे अंतरिक्ष में मानव अन्वेषण के लिए एक आधार प्रदान करेगा और चंद्रमा और उससे आगे मानव अस्तित्व का विस्तार करने के लिए नासा की प्रतिबद्धता और क्षमता का प्रदर्शन करेगा।

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