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कमला हैरिस कोरोना संक्रमित: अमेरिकी उपराष्ट्रपति में संक्रमण के लक्षण नहीं, बायडेन से भी नहीं हुआ संपर्क

हैरिस अपने निवास पर पृथकवास में रहेंगी लेकिन काम करती रहेंगी और संक्रमणमुक्त होने के बाद ही व्हाइट हाउस लौटेंगी।

Edited by: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Updated on: April 26, 2022 23:25 IST
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Image Source : AP US Vice President Kamala Harris and President Joe Biden.

Highlights

  • व्हाइट हाउस ने कहा कि रैपिड और PCR दोनों ही तरह के टेस्ट में हैरिस के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
  • हैरिस ने कोविड रोधी टीके की दोनों खुराकें लेने के बाद पिछले साल अक्टूबर में बूस्टर खुराक लगवाई थी।
  • हाल के दिनों में राष्ट्रपति जो बायडेन और प्रथम महिला जिल बायडेन उपराष्ट्रपति हैरिस के ‘निकट संपर्क’ में नहीं आए थे।

वॉशिंगटन: महामारी से पहले की सामान्य स्थिति में वापसी के लिए प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई हैं। व्हाइट हाउस ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार को कमला हैरिस के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। व्हाइट हाउस ने कहा कि रैपिड और PCR दोनों ही तरह के टेस्ट में हैरिस के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। हालांकि राहत की बात यह है कि उनमें बीमारी का ‘कोई लक्षण नहीं दिखा है।’

हैरिस अपने निवास पर पृथकवास में रहेंगी लेकिन काम करती रहेंगी और संक्रमणमुक्त होने के बाद ही व्हाइट हाउस लौटेंगी। 57 वर्षीय हैरिस ने कोविड रोधी टीके की दोनों खुराकें लेने के बाद पिछले साल अक्टूबर में बूस्टर खुराक लगवाई थी। उसके बाद एक अप्रैल को उन्होंने एक अतिरिक्त बूस्टर खुराक लगवाई थी। व्हाइट हाउस ने कहा है कि हाल के दिनों में राष्ट्रपति जो बायडेन और प्रथम महिला जिल बायडेन उपराष्ट्रपति हैरिस के ‘निकट संपर्क’ में नहीं आए थे।

इस बीच एक मॉडल स्टडी में पता चला है कि कोविड रोधी टीका न लगवाने वाले लोग उन लोगों के लिए भी खतरा पैदा करते हैं जिन्होंने टीकाकरण करा लिया है। कनाडा में टोरंटो यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने कोरोना वायरस जैसी संक्रामक बीमारी के आयामों को समझने के लिए टीका नहीं लगवाने वाले और टीकाकरण करा चुके लोगों के मिश्रण के प्रभाव का पता लगाने के लिए एक सरल मॉडल का उपयोग किया। उन्होंने कृत्रिम रूप से आबादी का मिश्रण किया जिसमें लोगों का, टीकाकरण करा चुके लोगों के साथ संपर्क होने के साथ अन्य समूह के साथ भी संपर्क था।

टोरंटो यूनिवर्सिटी में ‘डला लान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ’ के डेविड फिसमैन ने कहा कि टीके को अनिवार्य करने के विरोधी कई लोगों का कहना है कि यह व्यक्ति की पसंद पर है कि वे इसे लगवाएं या नहीं। फिसमैन ने एक बयान में कहा कि उन्होंने पाया है कि जिन लोगों ने टीकाकरण नहीं कराने का फैसला किया है, वे उन लोगों के लिए खतरा बढ़ा रहे हैं जिन लोगों ने टीका लगवाया है। यह अध्ययन ‘कनैडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल’ में प्रकाशित हुआ है।

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