विदेशी धरती कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय सिख रहते हैं। ऐसे में वहां की सरकार कोई भी फैसला लेती हैं, तो इसका असर सीधे तौर पर भारत पर पड़ता है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को बड़ी घोषणा की है। ट्रूडो ने कनाडा में अस्थाई नौकरी करने वाले विदेशियों की संख्या को घटाने का ऐलान किया है।
कनाडाई लोगों को ज्यादा से ज्यादा दी जाएं नौकरी- ट्रूडो
पीएम जस्टिन ट्रूडो ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, 'हम कनाडा में कम वेतन वाले अस्थायी विदेशी श्रमिकों की संख्या कम कर रहे हैं। देश का लेबर मार्केट काफी बदल गया है। अब समय आ गया है कि हमारी कंपनियां कनाडाई श्रमिकों और युवाओं को ज्यादा से ज्यादा नौकरियां दें।'
लाखों विदेशियों पर होने वाला है असर
जस्टिन ट्रूडो के इस फैसले का असर कनाडा में कम सैलरी पर काम करने वाले और अस्थाई नौकरी करने वाले लाखों विदेशियों पर होने वाला है। कनाडा में रहने वाले विदेशियों में सबसे ज्यादा संख्या भारतीय सिखों और छात्रों की है। जो वहां पर रह कर छोटे-मोटे कारोबार और कंपनियों में काम करते हैं।
कनाडा में लोकल लोगों में बढ़ी बेरोजगारी
कोरोना काल के बाद श्रमिकों की भारी कमी के दौरान सरकार द्वारा प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद कनाडा में विदेशी श्रमिकों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि देखी गई है। कुछ कनाडाई विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से लोकल लोगों और युवाओं में बेरोजगारी बढ़ी है।
इसलिए ट्रूडो को होना पड़ा मजबूर
इन्हीं सब के चलते ट्रूडो को अब कनाडा में अस्थाई नौकरी करने वाले विदेशियों की संख्या को घटाने का ऐलान करना पड़ा है। कनाडा में स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा नौकरी देने की बात कही गई है। ताकि कनाडा के लोगों को ज्यादा से ज्यादा नौकरी में फायदा मिल सके।