वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो.बाइडेन उत्तरी इराक में अपने सैनिकों पर हुए हमले से बौखला गए हैं। उन्होंने उत्तरी इराक में ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों के घायल होने के बाद ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों के खिलाफ जवाबी हमले का आदेश दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि सोमवार को हुए हमले में अमेरिकी सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए। ईरान समर्थित मिलिशिया 'कतैब हिजबुल्ला' और इससे संबद्ध समूहों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।
तीन स्थानों पर हमले का दिया निर्देश
अमेरिकी राष्ट्रपति को सोमवार को हमले की सूचना दी गई, जिसके बाद उन्होंने अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन को जवाबी कार्रवाई का विकल्प अपनाने का आदेश दिया। रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और राष्ट्रीय सुरक्षा दल ने तुरंत योजना बनाई। बाद में, बाइडेन ने कतैब हिजबुल्ला और इससे संबद्ध समूहों द्वारा उपयोग किए जाने वाले तीन स्थानों पर हमले का निर्देश दिया।
मंगलवार सुबह करीब पौने पांच बजे हुए हमले
बाइडेन के निर्देश के बाद अमेरिका ने मंगलवार सुबह करीब पौने पांच बजे इराक स्थित ईरानी मिलिशिया समूहों के ठिकानों पर हमले किए। वॉटसन ने कहा, "राष्ट्रपति जो.बाइडन के लिए अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा से बढ़कर कोई प्राथमिकता नहीं हैं।" उन्होंने कहा, ''यदि ये हमले जारी रहते हैं तो अमेरिका अपने तरीके से कार्रवाई करेगा।"
अमेरिका ने हमलों के लिए इरान को दोषी ठहराया
अमेरिकी सैनिकों पर हाल में हुआ हमला, सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले के बाद से क्षेत्र में अमेरिकी बलों के खिलाफ बढ़ती धमकियों के बाद हुआ है। अमेरिका ने इस सबके लिए ईरान को दोषी ठहराया है। अमेरिका के हजारों सैनिक अभी भी इराक में मौजूद हैं, जो इराकी बलों को प्रशिक्षण दे रहे हैं और आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से लड़ रहे हैं। अमेरिका के सैकड़ों सैनिक सीरिया में भी इस्लामिक स्टेट समूह से लड़ रहे हैं। (इनपुट-भाषा)