Thursday, November 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अमेरिका
  4. G20 में शामिल होने भारत आए जो बाइडेन को कोर्ट से झटका, सोशल मीडिया पर सेंसरशिप को लेकर आया ये आदेश

G20 में शामिल होने भारत आए जो बाइडेन को कोर्ट से झटका, सोशल मीडिया पर सेंसरशिप को लेकर आया ये आदेश

जी-20 में भाग लेने नई दिल्ली आए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को कोर्ट के एक फैसले से झटका लग गया है। अमेरिका के ह्वाइट हाउस और एफबीआइ ने कुछ सोशलमीडिया मंचों को सरकार को पसंद नहीं आने वाली पोस्ट हटाने को मजबूर किया था। मगर कोर्ट ने सरकार के इस फैसले को खारिज कर दिया।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: September 09, 2023 16:01 IST
जो बाइडेन, अमेरिका के राष्ट्रपति।- India TV Hindi
Image Source : AP जो बाइडेन, अमेरिका के राष्ट्रपति।

भारत में चल रहे जी-20 सम्मेलन में शामिल होने आए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने कहा है कि ह्वाइट हाउस और एफबीआइ सोशल मीडिया मंचों को उन पोस्ट को हटाने के लिए मजबूर नहीं कर सकते, जो उन्हें पसंद नहीं हैं। अमेरिका के न्यू ऑरलियन्स में एक संघीय अदालत ने शुक्रवार को निचली अदालत के उस आदेश को वापस ले लिया, जिसमें कोविड-19 और अन्य मुद्दों के बारे में विवादास्पद सामग्री को लेकर सोशल मीडिया कंपनियों के साथ बाइडन प्रशासन के संचार पर रोक लगा दी गई थी।

न्यू ऑरलियन्स में पांचवें अमेरिकी सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स ने शुक्रवार को कहा कि व्हाइट हाउस, सर्जन जनरल, रोग नियंत्रण केंद्र और एफबीआई सोशल मीडिया मंचों को उन पोस्ट को हटाने के लिए "मजबूर" नहीं कर सकते हैं, जो सरकार को पसंद नहीं हैं। संघीय अदालत ने लुसियाना स्थित न्यायाधीश द्वारा चार जुलाई को जारी किये गये एक आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें कई सरकारी एजेंसियों को इस तरह की सामग्री हटाने का आग्रह करने के लिये फेसबुक और एक्स (पूर्व में ट्विटर) जैसे सोशल मीडिया मंचों से संपर्क करने पर रोक लगा दी गई थी।

सोशल मीडिया मंचों को मजबूर करने के खिलाफ दायर की गई थी याचिका

अदालत का यह फैसला पूर्वोत्तर लुसियाना में दायर एक मुकदमे के बाद आया है, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों पर संघीय कानून में बदलाव के खतरे के तहत सोशल मीडिया सामग्री को हटाने के लिये सोशल मीडिया मंचों को मजबूर करने का आरोप लगाया गया था। अदालत में दायर मुकदमे में कोविड-19 टीके, राष्ट्रपति जो बाइडन के बेटे हंटर के लैपटॉप की एफबीआई द्वारा जांच किये जाने और चुनावी धांधली जैसे आरोप भी शामिल थे। इसमें राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन पर रूढ़िवादी विचार को दबाने के लिए नियामक द्वारा धमकी देने का आरोप लगाया गया था। मिसौरी और लुसियाना राज्यों ने एक रूढ़िवादी वेबसाइट के मालिक और प्रशासन की कोविड-19 नीति का विरोध करने वाले चार अन्य लोगों के साथ मुकदमा दायर किया था। लुसियाना के अटॉर्नी जनरल जेफ लैंड्री ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में अदालत के फैसले को "सेंसरशिप के खिलाफ एक बड़ी जीत" बताया। (एपी)

यह भी पढ़ें

यूक्रेन को लेकर पीएम मोदी का G-20 में बड़ा बयान, "युद्ध ने विश्वास की कमी को गहरा किया..अब है इसे भरोसे में बदलने का वक्त"

G-20 में भारत ने यूक्रेन संकट पर पेश किया नया पैराग्राफ, चीन और रूस की सहमति मिलते ही जारी होगा घोषणापत्र

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। US News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement