वाशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत को लेकर अहम फैसला लिया है। बाइडेन प्रशासन ने सोमवार को कांग्रेस (अमेरिका की संसद) को बताया किया कि उसने ‘एमएच-60आर मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर इक्यूपमेंट’ और संबंधित उपकरणों की बिक्री को मंजूरी देने का फैसला किया है जिसकी अनुमानित लागत 1.17 अरब अमेरीकी डॉलर है। अमेरिका की तरफ से लिया गया यह फैसला भारत के बेहद अहम माना जा रहा है।
भारत को क्या होगा फायदा
रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने ‘कांग्रेस’ को एक अधिसूचना में बताया कि उपकरणों की बिक्री की प्रस्तावित योजना, भारत की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को उन्नत कर वर्तमान और भविष्य के खतरों को रोकने की क्षमता में सुधार करेगी। अधिसूचना के अनुसार, भारत ने 30 ‘मल्टीफंक्शनल इन्फॉर्मेशन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम-जॉइंट टेक्टिकल रेडियो सिस्टम्स’ (एमआईडीएस-जेटीआरएस) खरीदने का प्रस्ताव रखा है। इस बिक्री में मुख्य रूप से अनुबंध ‘लॉकहीड मार्टिन रोटरी और मिशन सिस्टम’ के साथ होगा।
भारत को मिलेगी अमेरिकी मदद
सौदे के तहत भारत को 30 मल्टीफंक्शन इंफोर्मेशन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम ज्वाइंट टैक्टिकल रेडियो सिस्टम भी मिलेंगे। इसमें उन्नत डेटा ट्रांसफर सिस्टम, बाहरी इंधन टैंक, फॉरवर्ड लुकिंग इंफ्रारेड सिस्टम, ऑपरेटर मशीन इंटरफेस, अतिरिक्त कंटेनर आदि मिलेंगे, साथ ही डिजाइन, निर्माण और परीक्षण में भी अमेरिका की तरफ से मदद दी जाएगी।
भारत के लिए राहत की बात
गौरतलब है कि, बाइडेन प्रशासन ने भारत को प्रमुख रक्षा उपकरणों की बिक्री की मंजूरी अपने चार साल के कार्यकाल के पूरा होने से कुछ सप्ताह पहले दी है। इस फैसले से भारत को राहत मिली है क्योंकि अगर बाइडेन प्रशासन सौदे को मंजूरी नहीं देता तो नई सरकार के गठन के बाद इसकी मंजूरी में और समय लग सकता था। पांच नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। । (भाषा)
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