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UNSC में सुधार की जरूरत को हमेशा नकारा नहीं जा सकता: जयशंकर

Jaishankar: विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की आवश्यकता को हमेशा नकारा नहीं जा सकता है। वर्तमान में UNSC में पांच स्थाई सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका हैं।

Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Published on: September 29, 2022 16:17 IST
Minister of External Affairs S Jaishankar(File Photo)- India TV Hindi
Image Source : PTI Minister of External Affairs S Jaishankar(File Photo)

Jaishankar: विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की आवश्यकता को हमेशा नकारा नहीं जा सकता है। बता दें कि वर्तमान में UNSC में पांच स्थाई सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका हैं। भारत विश्व संस्था के 10 अस्थाई सदस्यों में से एक है। केवल स्थाई सदस्यों के पास ही किसी भी मूल प्रस्ताव को ‘वीटो’ करने का अधिकार है। भारत लगातार संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद में लंबित सुधारों पर कार्रवाई तेज करने को लेकर जोर देता रहा है। भारत का कहना है कि वह स्थाई सदस्य बनने का हकदार है। 

UNSC में सुधार को लेकर अमेरिका ने किया समर्थन!  

जयशंकर ने बुधवार को भारतीय पत्रकारों के एक समूह से UNSC में सुधार को लेकर अमेरिका की गंभीरता के बारे पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हमने कभी नहीं सोचा था कि यह एक आसान प्रक्रिया होगी, लेकिन हमारा मानना है कि सुधार की आवश्यकता को हमेशा नकारा नहीं जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि राष्ट्रपति (जो) बाइडन ने जा रुख अख्तियार किया है वह सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र में सुधार के लिए अमेरिकी समर्थन को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह हम सभी पर और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों पर निर्भर करता है कि हम इसे कहां ले जाते हैं।’’ 

भारत ज्यादा जिम्मेदारियां लेने के लिए तैयार

जयशंकर ने कहा, ‘‘यह किसी एक देश की जिम्मेदारी नहीं है, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो। मुझे लगता है कि यह एक सामूहिक प्रयास है जिसे संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों का आगे बढ़ाना है।’’ यह रेखांकित करते हुए कि भारत ज्यादा जिम्मेदारियां लेने के लिए तैयार है, जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बहुत जरूरी सुधारों के लिए बातचीत प्रक्रियात्मक रणनीति से अवरुद्ध नहीं होनी चाहिए और इसके निंदक इस प्रक्रिया को ‘‘हमेशा के लिए रोक कर ’’ नहीं रख सकते। 

इस साल हो रहा भारत का कार्यकाल पूरा

वर्तमान में भारत 15 सदस्यीय संयुक्त सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य है और इस साल दिसंबर में उसका दो साल का कार्यकाल पूरा होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कार्यकाल में हमने परिषद के सामने आने वाले कुछ गंभीर लेकिन विभाजनकारी मुद्दों पर एक सेतु के रूप में काम किया है। हमने समुद्री सुरक्षा, शांति स्थापना और आतंकवाद का मुकाबला करने जैसी चिंताओं पर भी ध्यान केंद्रित किया है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत का मानना है कि बहुध्रुवीकरण, पुनर्संतुलन, निष्पक्ष वैश्वीकरण और सुधार के साथ बहुपक्षवाद को स्थगित नहीं रखा जा सकता है। 

जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कहा कि सुधार के साथ बहुपक्षवाद का आह्वान - जिसके मूल में सुरक्षा परिषद में सुधार हैं - को संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों के बीच काफी समर्थन प्राप्त है। जयशंकर और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने न्यूयॉर्क में अपनी बैठक के दौरान सुरक्षा परिषद में सुधार के साथ-साथ यूक्रेन और म्यांमा की स्थिति पर चर्चा की। संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के बाद जयशंकर ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गुतारेस से मुलाकात की थी। 

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