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जयशंकर ने भारत-अमेरिका संबंधों की चंद्रयान से की तुलना, कहा-चांद के भी पार पहुंचेगी दोनों देशों की दोस्ती

विदेशमंत्री जयशंकर ने कहा कि आज का भारत पहले के भारत से अलग है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे कहना चाहता हूं कि मैं जिसकी बात कर रहा हूं, वह वास्तव में एक अलग भारत है। जैसा कि आपने दूसरों से सुना है, यह वह भारत है, जो चंद्रयान-3 मिशन को पूरा करने में सक्षम है।’ भारत-अमेरिका के संबंध काफी गहरे हुए हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Oct 01, 2023 11:38 IST, Updated : Oct 01, 2023 11:38 IST
एस जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री।
Image Source : AP एस जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री।

भारत-अमेरिका के संबंध पीएम मोदी की यूएसए यात्रा के बाद लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। विदेशमंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत और अमेरिका के संबंध अब तक के उच्चतम स्तर पर हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार उन्हें एक अलग स्तर तक लेकर जाएगी। जयशंकर ने कहा कि ये द्विपक्षीय संबंध चंद्रयान की तरह चांद पर और उससे भी परे पहुंचेंगे। भारतीय दूतावास द्वारा शनिवार को यहां आयोजित ‘सेलिब्रेटिंग कलर्स ऑफ फ्रेंडशिप’ कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका के विभिन्न हिस्सों से ‘इंडिया हाउस’ में एकत्र हुए सैकड़ों भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘आज एक स्पष्ट संदेश है कि हमारा रिश्ता अब तक के उच्चतम स्तर पर है, लेकिन जैसा कि अमेरिका में कहा जाता है कि आपने अभी तक कुछ भी नहीं देखा है, हम इन संबंधों को एक अलग स्तर, एक अलग जगह ले जाने वाले हैं।

जयशंकर ने कहा कि जी20 की सफलता अमेरिका के सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकती थी। उन्होंने कहा, ‘‘जब चीजें अच्छी होती हैं, तो हमेशा मेजबान को इसका श्रेय मिलता है। यह उचित भी है, लेकिन यदि जी20 के सभी सदस्य देश इस आयोजन की सफलता के लिए काम नहीं करते, तो यह संभव नहीं था।’’ जयशंकर ने भारतीय-अमेरिकियों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, ‘‘मैं आज इस देश में हूं, खासकर इसलिए मुझे यह कहना चाहिए कि जी20 को सफल बनाने के लिए जो योगदान, जो सहयोग और समझ हमें अमेरिका से मिली, उसकी मैं वाशिंगटन डीसी में सार्वजनिक तौर पर सराहना करना चाहूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तो, शाब्दिक रूप से यह हमारी सफलता हो सकती है, लेकिन मुझे लगता है कि यह जी20 (राष्ट्रों) की सफलता थी। मेरे लिए, यह भारत-अमेरिका साझेदारी की भी सफलता थी।

चंद्रयान की तरह चांद के पार पहुंचेगी दोस्ती

जयशंकर ने कहाकि मैं आपसे वादा कर सकता हूं कि ये संबंध चंद्रयान की तरह चंद्रमा तक, शायद उससे भी आगे तक जाएंगे।’’ जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच मानवीय संबंध इस द्विपक्षीय संबंध को और अनूठा बनाते हैं। ‘‘देश एक-दूसरे के साथ व्यापार करते हैं। देश एक-दूसरे के साथ राजनीति करते हैं। उनके बीच सैन्य संबंध होते हैं, वे अभ्यास करते हैं और उनके बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान होता है, लेकिन जब दो देशों के बीच गहरे मानवीय संबंध हों, तो यह पूरी तरह से अलग स्थिति होती है। हमारे संबंधों की यही आज अहम विशेषता है।’’ जयशंकर ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के निर्माण में प्रवासी भारतीयों का अत्यधिक योगदान है। उन्होंने कहा, ‘‘इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। इसी आधार के सहारे हम आगे देख रहे हैं। क्षितिज पर नयी आशा देख रहे हैं। (भाषा)

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