वाशिंगटन: इज़राइल पर ईरानी सेना ने पिछले दिनों 180 से ज्यादा मिसाइलों से हमला किया। अब इजरायल भी जवाबी हमले की तैयारी कर रहा है। इस हमले का जवाब इज़राइल किस तरह से दे। इस संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बड़ा बयान दिया है। बाइडन ने कहा कि यदि वह इज़राइली होते तो दुश्मन देश के तेल क्षेत्रों पर हमला करने के विकल्पों पर विचार करते। बाइडन ने कहा कि इजरायली अधिकारी अभी भी इस बात पर विचार कर रहे हैं कि वे किसी भी हमले को कैसे आगे बढ़ाएंगे।
अमेरिका ने किया इजरायल का समर्थन
उन्होंने कहा कि इजरायलियों ने अभी तक ईरान पर हमले को लेकर अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया है। यदि मैं उनकी स्थिति में होता तो मैं तेल क्षेत्रों को टारगेट करने के विकल्प तलाशता। हमलों का जवाब देने के इज़राइल के अधिकार का बचाव करते हुए बिडेन ने नागरिक हताहतों के संबंध में सावधानी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मैं जो जानता हूं वह यह है कि मैंने जो योजना प्रस्तावित की है उसे इस संघर्ष को हल करने के साधन के रूप में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और हमारे अधिकांश वैश्विक सहयोगियों से समर्थन मिला है।
इजरायल ने हिजबुल्लाह के ठिकानों पर किया हमला
इजरायल के पास न केवल खतरनाक हमलों के खिलाफ खुद का बचाव करने का पूरा अधिकार है बल्कि उसे दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने का अधिकार भी है। बाइडन ने कहा कि आतंकी हिजबुल्लाह जैसे कई संगठन हैं जिनसे निपटने की भी चुनौती है। इस बीच इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने पिछले चार दिनों में 2,000 से अधिक सैन्य ठिकानों और लगभग 250 हिजबुल्लाह आतंकवादियों को नष्ट कर दिया है।
अमेरिकी और ब्रिटेन की सेनाओं ने हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर किया हमला
उधर, अमेरिकी और ब्रिटेन की सेनाओं ने यमन में हूती विद्रोहियों के एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर शुक्रवार को हमला कर उनकी हथियार प्रणालियों, अड्डों और अन्य उपकरणों को निशाना बनाया। अमेरिकी अधिकारियों ने इस हमले की पुष्टि की। यमन के हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन प्राप्त है। अधिकारियों के अनुसार, हूती विद्रोहियों के पांच स्थानों पर स्थित विभिन्न ठिकानों पर सैन्य विमानों और युद्धपोतों के जरिए बमबारी की गई। हूती मीडिया में जारी खबरों में बताया गया कि प्रमुख बंदरगाह शहर होदेदा के हवाई अड्डे तथा हूती नियंत्रण वाले सैन्य अड्डे कथीब पर सात हमले किए गए।
इनपुट-एएनआई