दुबई: ईरान पर 26 अक्टूबर को हुए इजरायली के हमले के बाद से दोनों देशों मे तनाव चरम पर पहुंच गया है। ईरान ने इजरायल के साथ ही साथ अमेरिका पर भी पलटवार करने की धमकी दी है। इस तनाव के बीच तेहरान ने एक ईरानी-अमेरिकी पत्रकार को हिरासत में रख लिया है। अमेरिकी प्राधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को पत्रकार रेजा वलीजादेह को हिरासत में रखे जाने की जानकारी दी। यह जानकारी ऐसे समय में मिली जब ईरान द्वारा अमेरिकी दूतावास पर कब्जा किए जाने और लोगों को बंधक बनाए जाने की घटना के 45 साल पूरे हुए हैं।
बता दें वलीजादेह ‘रेडियो फर्दा’ के लिए काम करते थे। ‘रेडियो फर्दा’ अमेरिकी सरकार द्वारा वित्त पोषित ‘रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी’ के अंतर्गत एक संस्थान है। वलीजादेह ने फरवरी में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा था कि उन्हें ईरान वापस लाने के प्रयास के तहत उनके परिवार के सदस्यों को हिरासत में लिया गया। वलीजादेह ने इसके बाद अगस्त में दो संदेश साझा किए थे जिनसे पता चला कि वह ईरान लौट आए हैं, जबकि ईरान का धर्मतंत्र ‘रेडियो फर्दा’ को शत्रु संस्थान के रूप में देखता है। पिछले कुछ सप्ताह से अटकलें लगाई जा रही हैं कि वलीजादेह को हिरासत में लिया गया है।
अमेरिका ने किया ईरान में पत्रकार के गिरफ्तार होने का दावा
ईरान में मामलों पर नजर रखने वाली ‘ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट न्यूज एजेंसी’ ने कहा कि इस साल की शुरुआत में देश में आने पर उन्हें हिरासत में लिया गया लेकिन बाद में रिहा कर दिया गया। एजेंसी ने बताया कि इसके बाद उन्हें फिर से गिरफ्तार किया गया और एविन जेल भेज दिया गया, जहां अब वह ईरान की ‘रिवोल्यूशनरी कोर्ट’ में मुकदमे का सामना कर रहा है, जो नियमित रूप से बंद कमरे में सुनवाई करती है। उसने बताया कि वलीजादेह को 2007 में भी गिरफ्तार किया गया था। वलीजादेह के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि उसे ‘‘इस रिपोर्ट की जानकारी है कि अमेरिकी-ईरानी नागरिक को ईरान में गिरफ्तार किया गया है।’’
राजनीति की वजह से ईरान करता है ऐसी गिरफ्तारियां
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘ईरान अमेरिकी नागरिकों और अन्य देशों के नागरिकों को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अन्यायपूर्ण तरीके से अक्सर कैद करता रहा है। यह चलन क्रूर है और अंतरराष्ट्रीय कानून के विपरीत है।’’ ईरान ने वलीजादेह को हिरासत में लेने की बात स्वीकार नहीं की है। इसके अलावा तेहरान को रोकने की कोशिश में लंबी दूरी के ‘बी-52’ बमवर्षकों के पश्चिम एशिया पहुंचने के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजराइल और अमेरिका को ईरान तथा उसके सहयोगियों पर किए जाने वाले हमलों का ‘करारा जवाब’ देने की शनिवार को धमकी दी। (भाषा)
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