
न्यूयॉर्क: डोमिनिकन गणराज्य में लापता हुई 20 वर्षीय भारतीय छात्रा सुदीक्षा कोनांकी के परिवार ने पुलिस से उनकी बेटी को मृत घोषित करने का अनुरोध किया है। अमेरिकी मीडिया में यह जानकारी दी गई है। भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक कोनांकी को आखिरी बार छह मार्च को पुंटा काना शहर के रिउ रिपब्लिक रिसॉर्ट में देखा गया था। वह डोमिनिकन गणराज्य में छुट्टियां मनाते समय लापता हो गई थी। अमेरिकी संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसियां उसके लापता होने की जांच में कैरेबियाई देश के प्राधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। काफी तलाश के बावजूद उसका शव नहीं मिला है।
'जांच पर है भरोसा'
‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ की खबर के अनुसार, कोनांकी के परिजनों अधिकारियों को एक औपचारिक पत्र भेजा है जिसमें कहा गया है कि छह मार्च की सुबह पुंटा काना समुद्र तट से गायब होने के बाद कोनांकी की कथित मौत में कोई संदिग्ध साजिश शामिल नहीं है। सूत्रों के अनुसार उसके माता-पिता ने यह भी लिखा कि इस मामले में की जा रहीं जांच पर उन्हें भरोसा है। उसके माता-पिता ने कहा कि युवती को जीवित देखने वाले अंतिम व्यक्ति रीबे ने जांचकर्ताओं के साथ सहयोग किया है।
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‘एनबीसी न्यूज’ ने मंगलवार को डोमिनिकन रिपब्लिक नेशनल पुलिस के प्रवक्ता डिएगो पेस्क्वेरा के हवाले से कहा कि कोनांकी के परिवार ने एजेंसी को एक पत्र भेजकर उसकी मृत्यु की घोषणा करने का अनुरोध किया है। ‘सीएनएन न्यूज’ की खबर के अनुसार, जांच से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि डोमिनिकन गणराज्य के अधिकारियों ने उस व्यक्ति का पासपोर्ट जब्त कर लिया है, जो कोनांकी के साथ आखिरी बार मौजूद था। सूत्र ने बताया कि डोमिनिकन गणराज्य के अटॉर्नी जनरल येनी बेरेनिस रेनोसो ने सप्ताहांत में जोशुआ स्टीवन रीबे से छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की और स्थानीय अभियोजक के साथ पूछताछ जारी रहने की उम्मीद है। रीबे को इस मामले में संदिग्ध नहीं माना गया है और उस पर कोई गलत काम करने का आरोप नहीं लगाया गया है। (भाषा)
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