अमेरिका के मैरीलैंड की लेफ्टिनेंट गवर्नर भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक अरुणा मिलर को चुना गया। मिलर यह पद संभालने वाली पहली अप्रवासी हैं। चुनाव जीतने के बाद अरुणा मिलर ने कहा कि 1972 में जब वो अमेरिका आई, तब से उनका यहां के लिए विश्वास काफी बढ़ा है। 58 वर्षीय अरुणा 7 साल की उम्र में ही अमेरिका आ गईं थी। वह हैदराबाद की रहने वाली हैं। मिलर वेस मूर के साथ चुनाव लड़ी थी जो मैरीलैंड के पहले अफ्रीकी-अमेरिकी गवर्नर के रूप में चुने गए।
आपलोगों ने मुझे सब कुछ दिया, इसके लिए आप सबका धन्यवाद
मंगलवार को मध्यावधि चुनाव जीतने के बाद एक ट्वीट में, मिलर ने लिखा, "जब से मैं इस देश में 1972 में आई थी, तब से मैंने कभी भी अमेरिका के लिए उत्साहित होना बंद नहीं किया। मैं लड़ती रहूंगी क्योंकि यहां मौका सभी के लिए है।" मिलर ने वोटरों को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह एक ऐसा मैरीलैंड बनाना चाहती हैं जहां लोग अपने समुदाय और खुद के लिए सुरक्षित महसूस करें। ट्वीट में उन्होंने आगे लिखा, "इससे पहले कि मैं आपसे कुछ भी मांगूं, मैं आपको हर चीज के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं। आप लोगों का आज यहां होने और इस पल का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद। हमें आपकी जरूरत है। हमें आपकी आशा की जरूरत है, हमें आपकी कहानियों की जरूरत है, हमें आपकी साझेदारी की जरूरत है, और मैं आपसे यह वादा कर सकती हूं, हम अभी शुरूआत कर रहे हैं।" मिलर ने कहा कि,"मैरीलैंड, आज रात आपने राष्ट्र को दिखाया कि जब मतदान होता है तो एक छोटा लेकिन शक्तिशाली राज्य क्या कर सकता है। आपने विभाजन पर एकता को चुना, अधिकारों को सीमित करने पर अधिकारों का विस्तार किया, भय पर आशा की जीत को चुना। आपने वेस मूर को अगला गवर्नर और मुझे चुना।"
मध्यावधि चुनाव में भारतीय-अमेरिकीयों की भूमिका अहम
2010 से 2018 तक, मिलर ने मैरीलैंड हाउस ऑफ डेलीगेट्स में जिला 15 का प्रतिनिधित्व किया। वह 2018 में मैरीलैंड के 6ठवें कांग्रेसनल जिले में कांग्रेस के रेस में दौड़ीं और 8 उम्मीदवारों की सूची में वह दूसरे नंबर पर रही थी। मिलर की शादी डेव मिलर से हुई है, जिनसे उनकी तीन बेटियां हैं। वह इस समय मोंटगोमरी काउंटी में रहती हैं। वाशिंगटन पोस्ट ने कहा कि भारतीय-अमेरिकी कुछ कड़े मुकाबले में अहम भूमिका निभा सकते हैं। डेमोक्रेट और रिपब्लिकन ने मध्यावधि चुनाव से पहले भारतीय-अमेरिकियों तक पहुंचने के अपने प्रयासों को तेज कर दिया।