India on Women Empowerment: भारत में महिला सशक्तिकरण को लेकर कई अहम कदमों को उठाया जा रहा है। यह बात युनाइटेड नेशन में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कही। उन्होंने बताया कि किस तरह समाज में लैंगिक न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है। यूएन में भारतीय मिशन ने एक स्पेशल प्रोग्राम आयोजित किया। इसमें महिलाओं की स्थिति पर चर्चा की गई। इस दौरान भारतीय प्रतिनिधि कंबोज ने कहा कि 2047 तक भारत विकसित देश बनेगा और ऐसा महिला सशक्तीकरण से संभव होगा।
यूएन में और क्या बोलीं भारतीय प्रतिनिधि कंबोज?
कार्यक्रम के दौरान भारत की यूएन में स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि महिलाओं के लिए एक बहुमुखी रणनीति तैयार की जा रही है। इजिसमें महिलाओं हेल्थ, सिक्योरिटी और एम्प्लॉयमेंट के क्षेत्र में सशक्त बनाने की दिशा में काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस पहल से लैंगिक न्याय, समानता और भारत के सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं की स्थिति पर 68वीं वार्षिक बैठक 11 मार्च से शुरू हुई, जो 22 मार्च तक चलेगी। इसी बैठक के दौरान भारतीय मिशन ने भारत में महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।
पीएम मोदी ने जी20 में कही थी ये बात
जी20 की अध्यक्षता के दौरान भी पीएम मोदी ने कहा था कि महिला सशक्तिकरण के नए युग की शुरुआत हो रही है। हाल ही में भारत ने संयुक्त राष्ट्र में धार्मिक भय की कड़ी निंदा की थी। भारत की संयुक्त प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि चाहे यहूदी विरोधी भावना हो, ईसाई धर्म विरोधी या इस्लाम विरोधी भावना, भारत सभी के खिलाफ है।
मंदिरों और गुरुद्वारों पर हमले पर भी बोलीं कंबोज
उन्होंने कहा कि हिंदू, सिख और बौद्ध धर्म विरोधी भावनाएं बढ़ी हैं और कई जगह मठ-मंदिरों और गुरुद्वारों में हमले हो रहे हैं। इस्लामोफोबिया से निपटने के उपाय पर प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कंबोज ने ये बात कही। उन्होंने कहा कि भारत सभी धर्मों का सम्मान करता है और पूरे विश्व को परिवार की नजर से देखता है।
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