America on India: अमेरिका की एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि भारत ने अपनी खाद्यान्न सुरक्षा की जरूरतों के लिए अमेरिका से मदद प्राप्त करने से लेकर अब एक निर्यातक देश बनने तक लंबा सफर तय किया है। अपनी इस विकास यात्रा और प्रगति को वह सीमाओं से भी परे, दूसरे देशों तक पहुंचा रहा है। फिजी में बुधवार को आयोजित अमेरिका हिंद-प्रशांत रक्षा कमान प्रमुखों (सीएचओडी) के सम्मेलन को संबोधित करते हुए अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए अमेरिकी एजेंसी (यूएसएड) की प्रशासक सामंथा पावर ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि एक देश में निवेश से अक्सर अन्य देशों को लाभ मिलता है। अमेरिका की एक वरिष्ठ कूटनीतिज्ञ ने कहा है कि भारत ने अमेरिका से मदद लेने के बाद खाद्य सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनने का लंबा रास्ता तय किया है। अमेरिकी कूटनीतिज्ञ ने कहा कि भारत ने खाद्य सुरक्षा के मामले में शानदार काम किया है और अब भारत निर्यातक बन गया है।
'भारत ने तय किया लंबा रास्ता'
इस दौरान समांथा पॉवर ने भारत की तारीफ करते हुए उसका उदाहरण दिया और कहा कि 'एक देश में किए निवेश से अन्य देशों को भी फायदा मिलता है। खाद्य सुरक्षा को ही लें तो भारत में 1960 की शुरुआत में, हमने वैज्ञानिकों और स्थानीय किसानों के साथ मिलकर उच्च उपज वाले बीज विकसित और वितरित किए थे। अगले दो दशकों में उन बीजों की मदद से भारत ने अपने चावल उत्पादन में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की और गेहूं उत्पादन में 230 प्रतिशत की बढ़ोतरी की। भारत में हरित क्रांति हुई और इस बढ़ी हुई कृषि उपज का फायदा दुनिया के अन्य देशों को भी हुआ।'
सबसे बड़ा चावल बेचने वाला देश है भारत
समांथा पॉवर ने कहा कि भारत ने अमेरिकी मदद लेने से लेकर खाद्य सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनने और दूसरे देशों को खाद्यान्न निर्यातक बनने का लंबा रास्ता तय किया है। अब भारत अपनी अद्भुत विकास प्रक्रिया को अपनी सीमाओं के पार भी बढ़ा रहा है। बता दें कि भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है और वैश्विक चावल व्यापार का 40 प्रतिशत अकेले भारत निर्यात करता है। 2022 में भारत ने 140 देशों को 9.66 बिलियन यूएस डॉलर कीमत का दो करोड़ 20 लाख टन चावल निर्यात किया। देश में चावलों की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए भारत सरकार ने बीती 20 जुलाई को चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसकी वजह से भारत से निर्यात होने वाले 25 प्रतिशत चावल पर रोक लग गई है।