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UN सुरक्षा परिषद में स्थाई मेंबर न बनाने पर भारत का कड़ा रुख, चार देशों संग मिलकर चेताया

UNSC में भारत की स्थाई सदस्यता को लेकर भारत ने हमेशाा से पुरजोर वकालत की है। लेकिन यूएन अभी भी पुराने ढर्रे पर ही चल रहा है। न्यूयॉर्क में चल रहे 78वें सत्र में भारत ने स्थाई सदस्यता के भारत के दावे पर गौर न करने पर कड़ा रुख अपनाया है। साथ ही जी4 देशों के साथ चेतावनी दी है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: September 22, 2023 17:28 IST
UN सुरक्षा परिषद में स्थाई मेंबर न बनाने पर भारत का कड़ा रुख- India TV Hindi
Image Source : FILE UN सुरक्षा परिषद में स्थाई मेंबर न बनाने पर भारत का कड़ा रुख

UNSC: संयुक्त राष्ट्र के वजूद पर भारत हमेशा से ही लगातार निशाना साधता रहा है। कई मौकों पर यूनाइटेड नेशन असहाय ही नजर आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएन में अपने संबोधनों में भी संयुक्त राष्ट्र में समय के साथ आमूलचूल परिवर्तन लाने की बात कही है। समय के साथ वही पुराना ढर्रा और वही 5 स्थाई देशों की सदस्यता के कारण यूएन अपने समय से आगे नहीं बढ़ पाया है। भारत ने कई मौकों पर दुनिया की सबसे बड़ी आबादी का देश होने के नाते स्थाई सदस्यता की बात पुरजोर तरीके से कही है। इस बार भारत ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार नहीं होने पर कड़ा रुख अपनाया है। जी4 समूह के सदस्य देशों- ब्राजील, जर्मनी, जापान और भारत ने चेतावनी दी है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार में जितना लंबा वक्त लगेगा, उतने ही इसके प्रभावों को लेकर सवाल खड़े होंगे। 

इन देशों ने अंतर-सरकारी वार्ता (आईजीएन) के मामलों में सार्थक संवाद की कमी पर भी चिंता जताई। जी4 देश लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि उन्‍हें स्‍थायी सदस्‍य बनाया जाए, लेकिन अभी तक 5 स्‍थायी देशों ने इस द‍िशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया है। ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा, जर्मनी की संघीय विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक, जापान की विदेश मंत्री योको कामिकावा और भारत के विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र से इतर गुरुवार को मुलाकात की।

2025 में यूएन की 80वीं वर्षगांठ

मुलाकात के दौरान और सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए वार्ता की स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने सुरक्षा परिषद सुधार पर निर्णायक प्रगति और वास्तविक परिणामों के लिए 2024 में ‘समिट फॉर फ्यूचर’ (भविष्य के लिए सम्मेलन) और 2025 में संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ जैसी महत्वपूर्ण आगामी घटनाओं के महत्व को भी रेखांकित किया।

सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार की जरूरत

जी4 मंत्रियों के जारी संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहा गया, ‘मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय शासकीय ढांचों का भविष्य उनके अनुकूल और उद्देश्य के लिए यथोचित बने रहने की उनकी क्षमता पर निर्भर करता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार में जितना लंबा वक्त लगेगा, उतना ही इसका प्रभाव सवालों के घेरे में आएगा।’ वक्तव्य के अनुसार, ‘जी4 देशों के मंत्रियों ने यूएनजीए के आगामी 78वें सत्र में इस मुद्दे पर ध्यान देने की प्रतिबद्धता जताई और निश्चित समय-सीमा में ठोस परिणाम हासिल करने के उद्देश्य से सभी सदस्य देशों के साथ संवाद बढ़ाने पर सहमति जताई।’

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