न्यूयॉर्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अमेरिका दौरे के तीसरे दिन आज संयुक्तर राष्ट्र (यूएन) में "समिट ऑफ द फ्यूचर" को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का नाम लिए बिना वैश्विक संस्थाओं में सुधार का मुद्दा उठाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक संस्थाओं में सुधार जरूरी है। उन्होंने कहा कि अभी-अभी भारत में जून में मानव के इतिहास में दुनिया के सबसे बड़े चुनावों में जनता ने हमें तीसरी बार लगातार देश की सेवा का मौका दिया है। आज मैं दुनिया के छठे हिस्से की उसी आवाज को आप तक पहुंचाने के लिए यहां आया हूं।
जब हम ग्लोबल फ्यूचर की बात कर रहे हैं तो मानव केंद्रित दृष्टिकोण सबसे प्रथम होना चाहिए। सतत विकास को प्राथमिकता देते हुए हमें मानव कल्याण, भोजन और स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करना होगा। भारत में 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर हमने दिखाया है। सतत विकास से सफलता संभव है। सफलता के अपने इस अनुभव को हम ग्लोबल साउथ के साथ साझा करने को तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्विक शांति और विकास के लिए ग्लोबल संस्थाओं में सुधार जरूरी है।
मानवता की सफलता सामूहिक शक्ति में निहित है
पीएम मोदी ने कहा, "मानवता की सफलता हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं। वैश्विक शांति एवं विकास के लिए वैश्विक संस्थाओं में सुधार महत्वपूर्ण हैं। सुधार प्रासंगिकता की कुंजी है। एक तरफ वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए आतंकवाद जैसा बड़ा खतरा है, वहीं दूसरी तरफ साइबर, मैरिटाइम, स्पेस जैसे संघर्ष के नए मैदान बन रहे हैं। इन सभी मुद्दों पर वैश्विक कार्रवाई वैश्विक महत्वाकांक्षा से मेल खानी चाहिए।"
जी-20 में अफ्रीकन यूनियन को स्थाई सदस्यता वैश्विक सुधार का कदम
पीएम मोदी ने कहा कि रिफॉर्म इज द की टू रिलेवेंस। पीएम मोदी ने कहा कि अभी पिछले साल अफ्रीकन यूनियन में नई दिल्ली में जी-20 में स्थाई सदस्यता दिलाना इसी दिशा में एक कदम था। वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक तरफ आतंकवाद बड़ा खतरा है तो दूसरी तरफ साइबर क्राइम, मैरीटाइम सुरक्षा, स्पेस जैसे अनेक संघर्ष के क्षेत्र बने हैं। इन सभी विषयों पर मैं जोर देकर कहूंगा कि ग्लोबल एक्शन जरूरी है।
भारत के लिए ये है प्राथमिकता
पीएम मोदी ने कहा, "भारत के लिए 'वन अर्थ', 'वन फैमिली' और 'वन फ्यूचर' एक प्रतिबद्धता है। यही प्रतिबद्धता हमारे 'वन अर्थ', 'वन हेल्थ' और 'वन सन', 'वन वर्ल्ड', 'वन ग्रिड' जैसे पहल में भी देखाई देता है।
संयुक्त राष्ट्र में 'समिट ऑफ द फ्यूचर' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "प्रौद्योगिकी के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के लिए संतुलित विनियमन की आवश्यकता है। हमें ऐसे वैश्विक डिजिटल शासन की आवश्यकता है, जिसमें राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता अक्षुण्य रहे। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर एक पुल होनी चाहिए न कि बाधा।