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भारत को चीन से ‘बहुत महत्वपूर्ण चुनौतियों’ का सामना करना पड़ रहा है: व्हाइट हाउस

एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने के अनुरोध पर बताया कि भारत महत्वपूर्ण चुनौतियों से जूझ रहा है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : February 12, 2022 19:42 IST
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Image Source : PIXABAY Representational Image.

Highlights

  • शुक्रवार को जारी की गई रणनीतिक रिपोर्ट राष्ट्रपति जो बायडेन के नेतृत्व वाले प्रशासन की पहली क्षेत्र विशिष्ट रिपोर्ट है।
  • हम मानते हैं कि भारत दक्षिण एशिया और हिंद महासागर में एक समान विचारधारा वाला भागीदार और नेतृत्वकर्ता है: अमेरिका
  • एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने के अनुरोध पर बताया कि भारत महत्वपूर्ण चुनौतियों से जूझ रहा है।

वॉशिंगटन: व्हाइट हाउस ने हिंद-प्रशांत रणनीतिक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि भारत को भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है विशेषकर चीन और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उसके व्यवहार के कारण। शुक्रवार को जारी की गई रणनीतिक रिपोर्ट राष्ट्रपति जो बायडेन के नेतृत्व वाले प्रशासन की पहली क्षेत्र विशिष्ट रिपोर्ट है। रिपोर्ट में हिंद-प्रशांत में अमेरिका की स्थिति को दृढ़ता से मजबूत करने, क्षेत्र को मजबूत करने और इस प्रक्रिया में भारत के उदय एवं क्षेत्रीय नेतृत्व का समर्थन करने के लिए राष्ट्रपति के दृष्टिकोण को रेखांकित किया गया है।

व्हाइट हाउस ने कहा, ‘हम एक रणनीतिक साझेदारी का निर्माण करना जारी रखेंगे जिसमें अमेरिका और भारत दक्षिण एशिया में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक साथ और क्षेत्रीय समूहों के माध्यम से काम करते हैं, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष और साइबर स्पेस जैसे नए क्षेत्र में सहयोग करते हैं, हमारे आर्थिक और प्रौद्योगिकी सहयोग को मजबूत करते हैं, तथा एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत में योगदान करते हैं। हम मानते हैं कि भारत दक्षिण एशिया और हिंद महासागर में एक समान विचारधारा वाला भागीदार और नेतृत्वकर्ता है, जो दक्षिण पूर्व एशिया में सक्रियता से जुड़ा हुआ है। साथ ही भारत क्वाड और अन्य क्षेत्रीय मंचों की प्रेरक शक्ति और क्षेत्रीय विकास के लिए एक इंजन है।’

हालांकि, एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने के अनुरोध पर बताया कि भारत महत्वपूर्ण चुनौतियों से जूझ रहा है। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा, ‘भारत को बहुत महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के व्यवहार का भारत पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है। हमारे दृष्टिकोण से हम अन्य लोकतंत्र के साथ काम करने के लिए जबरदस्त अवसर देखते हैं, एक ऐसे देश के साथ जिसकी समुद्री परंपरा है, जो वैश्विक साझा मुद्दों और क्षेत्र में महत्वपूर्ण मुद्दों को आगे बढ़ाने के महत्व को समझता है।’

पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा गतिरोध शुरू हुआ था। अधिकारी ने कहा, ‘भारत के साथ जुड़ाव को मजबूत करने के महत्व और चुनौतियों की जबरदस्त सराहना हुई है और यह मान्यता है कि भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है और पिछले प्रशासन के बेहतर काम को जारी रखने की इच्छा है ताकि उस रिश्ते को व्यापक और गहरा किया जा सके।’ वरिष्ठ प्रशासक ने कहा कि पूर्ववर्ती अमेरिकी प्रशासन, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व वाला पिछला प्रशासन भी शामिल है, ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया।

यह रणनीतिक रिपोर्ट ऐसे समय जारी की गई है जब ऑस्ट्रेलिया में क्वाड की मंत्रिस्तरीय वार्ता हुई है। ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को क्षेत्र में चीन की आक्रामक भूमिका पर चिंता व्यक्त की। रणनीतिक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपनी आर्थिक, कूटनीतिक, सैन्य और तकनीकी शक्ति को बढ़ा रहा है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रभाव जमाना चाहता है तथा दुनिया की सबसे प्रभावशाली शक्ति बनना चाहता है। इसमें कहा गया है कि चीन का दबाव और आक्रामकता दुनिया भर में फैली हुई है, लेकिन यह हिंद-प्रशांत में सबसे गंभीर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ऑस्ट्रेलिया के आर्थिक दबाव से लेकर भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर संघर्ष तक, ताइवान पर बढ़ते दबाव और पूर्वी एवं दक्षिण चीन सागर में पड़ोसियों को डराने-धमकाने तक, इस क्षेत्र में हमारे सहयोगी और भागीदार चीन के इस नुकसानदायक व्यवहार को झेल रहे हैं।’ रणनीतिक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रक्रिया में, चीन नौवहन की स्वतंत्रता सहित मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ उन सिद्धांतों को भी कमजोर कर रहा है जिससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि आई है। एक सवाल के जवाब में वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका के पूर्ववर्ती चार प्रशासनों ने भारत के साथ संबंध सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत कई मायनों में ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों की तुलना में बहुत अलग स्थान रखता है। नए दृष्टिकोण के दो प्रमुख तत्व हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सबसे पहले, इस रणनीति का लक्ष्य क्षेत्र में अमेरिकी भूमिका को मजबूत करना है, जो इस क्षेत्र के लिए अमेरिका के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। दूसरा, अमेरिका 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने और अवसरों का लाभ उठाने के लिए सामूहिक क्षमता का निर्माण करना चाहता है, चाहे वह जलवायु से संबंधित हो, चीन का मामला हो, या अगली महामारी से निपटने की तैयारी और वर्तमान महामारी से उबरने से संबंधित हो। (भाषा)

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