Saturday, November 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अमेरिका
  4. हिंद-प्रशांत क्षेत्र का भारत सबसे बड़ा खिलाड़ी, चीन को चित करने के लिए US और EU दोस्ती गहरी करने को बेताब

हिंद-प्रशांत क्षेत्र का भारत सबसे बड़ा खिलाड़ी, चीन को चित करने के लिए US और EU दोस्ती गहरी करने को बेताब

हिंद-प्रशांत क्षेत्र से लेकर दक्षिण चीन सागर तक चीन की बढ़ती दादागिरी अमेरिका समेत यूरोपीय यूनियन को चिंता में डाल रही है। ऐसे में चीन को चित करने के लिए अमेरिका और यूरोपीय यूनियन को भारत का साथ चाहिए। इन देशों को पता है कि भारत ही इस क्षेत्र का बड़ा खिलाड़ी है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: September 12, 2024 10:51 IST
हिंद-प्रशांत क्षेत्र। - India TV Hindi
Image Source : AP हिंद-प्रशांत क्षेत्र।

वाशिंगटनः हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत दुनिया का सबसे बड़ा और माहिर खिलाड़ी है। इसकी मुख्य वजह भौगोलिक परिस्थितियों के अलावा भारत का इस क्षेत्र में चीन जैसे देश की तरह ताकतवर होना भी है। ऐसे में हिंद-प्रशांत क्षेत्र से लेकर दक्षिण चीन सागर तक भारत ही एक ऐसा मात्र देश है, जो चीन का मुकाबला कर सकता है। यह बात अमेरिका समेत पूरा यूरोपीय यूनियन (ईयू) और दुनिया जानती है। इसीलिए अमेरिका और यूरोपीय यूनियन अब भारत से दोस्ती और गहरी करना चाहते हैं।

बता दें कि चीन पर अपनी वार्ता के हिस्से के रूप में अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) ने समुद्री क्षेत्र, ऊर्जा और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संपर्क सहित वैश्विक चुनौतियों से निपटने में भारत का सहयोग मांगा है। साथ ही साथ इसके सहयोग के महत्व पर चर्चा भी की है। भारत पर चर्चा दो दिवसीय ‘चीन पर अमेरिका-यूरोपीय संघ वार्ता’ और ‘भारत-प्रशांत पर अमेरिका-यूरोपीय संघ उच्च स्तरीय परामर्श’ की छठी बैठक का हिस्सा थी। यह नौ और 10 सितंबर को यहां आयोजित की गई थी। इस वार्ता का नेतृत्व अमेरिका की ओर से उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल और ईयू की ओर से यूरोपीय बाह्य कार्रवाई सेवा (ईईएएस) के महासचिव स्टेफानो सैनिनो ने किया।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और ईयू को चाहिए भारत का साथ

दोनों पक्षों की तरफ से 11 सितंबर को जारी संयुक्त बयान के अनुसार, “उन्होंने वैश्विक चुनौतियों, सुरक्षा, समुद्री क्षेत्र, ऊर्जा और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संपर्क सहित अन्य मुद्दों पर भारत के साथ अमेरिका और यूरोपीय संघ के संबंधित सहयोग के महत्व पर चर्चा की। अमेरिका और ईयू ने बांग्लादेश में हालिया घटनाक्रमों पर भी चर्चा की।” उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र में जारी और बढ़ती हुई भागीदारी पर चर्चा की, जिसमें लघु द्वीप विकासशील राज्यों (एसआईडीएस) और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आईओआरए) के लिए समर्थन भी शामिल है। बैठक के दौरान, कैंपबेल और सैनिनो ने चीन द्वारा बड़ी मात्रा में दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं और यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के मैदान में रूस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं के निर्यात तथा प्रतिबंधों की चोरी और उन्हें धोखा देने में चीन स्थित कंपनियों की निरंतर संलिप्तता के बारे में गहरी और बढ़ती चिंता दोहराई।

चीन कर रहा रूस के सैन्य-औद्योगिक अड्डे के लिए समर्थन

उन्होंने माना कि रूस के सैन्य-औद्योगिक अड्डे के लिए चीन का निरंतर समर्थन रूस को यूक्रेन के खिलाफ अवैध युद्ध जारी रखने में सक्षम बना रहा है, जो ट्रांसअटलांटिक के साथ-साथ वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा पैदा करता है। उन्होंने अपनी अपेक्षा दोहराई कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के स्थायी सदस्य के रूप में चीन को संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के समर्थन में कार्य करना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि यूक्रेन में कोई भी शांति प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र चार्टर और उसके सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए, जिसमें संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान शामिल हो, और अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवस्था को बनाए रखने के निरंतर प्रयासों के अनुरूप हो। (भाषा) 

 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। US News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement