गाजा में अल-शिफा अस्पताल पर इजरायली सेना की कार्रवाई जारी है। इस बीच भारतीय विदेश मंत्रायल की ओर से बड़ा बयान सामने आया है। गाजा में अल-शिफा अस्पताल के मामले पर बोलते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा "...यह सुविधा के बारे में नहीं है, भारत ने हमेशा मानवीय राहत की आवश्यकता को रेखांकित किया है। हमने तनाव कम करने के बारे में बात की। हम आतंकी हमलों की निंदा करते हैं। हमने गाजा में मानवीय सहायता दी है।” अभी और मानवीय जरूरत की वस्तुएं भेज रहे हैं। वहीं रूस ने वेस्ट बैंक में इजरायली छापे की निंदा की है।
रूस का कहना है कि वेस्ट बैंक पर उस इजरायली छापे से 'चिंतित' हूं, जिसमें 'दर्जनों लोग मारे गए। वहीं गाजा में युद्ध विराम की मांग के प्रस्ताव पर ब्रिटेन आपस में ही दो फाड़ दिखा। गाजा में तत्काल युद्ध विराम की मांग को लेकर ब्रिटेन की संसद में एक प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव के पक्ष में 125 और खिलाफ में 293 वोट पड़े। जाहिर है कि ब्रिटेन में ज्यादातर सांसद युद्ध विराम नहीं चाहते। संदेश साफ है कि इस मुद्दे पर वह इजरायल के साथ और हमास आतंकियों के विरोध में हैं। वोटिंग के दौरान ब्रिटेन की पार्लियामेंट के पास 150 लोगों ने डीएनसी हेडक्वार्टर बिल्डिंग पर विरोध प्रदर्शन किया।
इजरायली सेना ने कही ये बात
इजरायल गाजा में युद्ध विराम की सभी मांगों और संभावनाओं को खारिज कर चुका है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहले ही कह चुके हैं कि गाजा में युद्ध विराम का मतलब हमास आतंकियों को ऐसी वारदातें करने के लिए और हौसला देना है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि 240 बंधकों को मुक्त किए बगैर इस पर बात करना भी संभव नहीं है। इज़राइल सेना का कहना है कि उसने गाजा बंदरगाह पर 'परिचालन नियंत्रण' हासिल कर लिया है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार, गाजा पर इज़रायल के अत्याचारों की आलोचना करने के लिए पश्चिमी दानकर्ता अरब नागरिक समाज समूहों को आर्थिक रूप से काट रहे हैं।
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