Bilawal Bhutto in USA: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के संबंधों को पर बड़ा बयान दिया है। भुट्टो ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर भारत और पाकिस्तान को साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग के असर के चलते पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ देखने को मिली। भुट्टो ने एक तरफ जहां क्लाइमेट चेंज के मुद्दे पर भारत के साथ काम करने की बात कही, वहीं यह भी कहा कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का विरोध करता रहेगा।
‘जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर मिलकर काम करें दोनों देश’
बता दें कि बिलावल भुट्टो इस समय कई द्विपक्षीय बैठकें करने के लिए वॉशिंगटन में हैं। उन्होंने शुक्रवार को पाकिस्तानी मीडिया के एक ग्रुप को बताया कि उनके देश में बाढ़ के चलते जो हालात पैदा हुए हैं, उसे देखते हुए ‘वक्त आ गया है कि भारत और पाकिस्तान दोनों साथ मिलकर जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर काम करें।’ बिलावल ने कहा, ‘हमारे देश का एक तिहाई हिस्सा जलमग्न है। हर सात में से एक व्यक्ति बाढ़ से पीड़ित है। अगर हम जलवायु परिवर्तन से लड़ने की बात कर रहे हैं तो अमेरिका और चीन को साथ मिलकर काम करना चाहिए।’
‘पाकिस्तान UNSC में वीटो को खत्म कर देने के पक्ष में है’
भुट्टो ने आगे कहा, ‘हमें जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान को साथ मिलकर काम करने के बारे में विचार करना चाहिए।’ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के मुद्दे पर एक अन्य प्रश्न के जवाब में बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान भारत की स्थायी सदस्यता की उम्मीदवारी का विरोध करता रहेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद वीटो को खत्म करने के पक्ष में है। बता दें कि बिलावल भुट्टो ने कई मौकों पर और कई मुद्दों को लेकर कहा है कि भारत और पाकिस्तान को साथ मिलकर काम करना चाहिए हालांकि साथ ही वह कश्मीर का राग भी अलापते रहते हैं।
भारत के साथ संबंध बहाली की वकालत करते रहते हैं भुट्टो
बता दें कि इससे पहले जून में बिलावल ने भारत के साथ संबंध बहाली की जोरदार वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान दुनिया में पहले ही अलग-थलग पड़ा हुआ है, ऐसे में भारत के साथ रिश्ते तोड़ना मुल्क के लिए कहीं से फायदेमंद नहीं होगा। देश की राजधानी इस्लामाबाद में सामरिक अध्ययन संस्थान के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए बिलावल ने तब कहा था कि कुछ हालिया घटनाओं की वजह से भारत के साथ जुड़ाव नामुमकिन भले ही न हो, लेकिन मुश्किल जरूर है। हालांकि तब भी उन्होंने कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खात्मे का जिक्र किया था।