दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था का मुकाम हासिल कर चुका हिंदुस्तान अब दवा से हथियार तक दूसरे देशों को सप्लाई कर रहा है। कैंसर की दवाओं का भी भारत बड़ा आपूर्तिकर्ता बन चुका है। इसका एक उदाहरण ये भी है कि भारत के दुश्मन और पड़ोसी देश पाकिस्तान से लेकर चीन तक हमसे दवाएं खरीद रहे हैं। अमेरिका में भी भारत दवाओं का बड़ा आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। अमेरिका में कैंसर की दवाओं का भारत मुख्य सप्लायर है। अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री जेवियर बेसेरा ने शुक्रवार को कहा कि दवा उत्पादों की आपूर्ति के लिए भारत अमेरिका का एक अपरिहार्य भागीदार है। बेसेरा ने कहा कि उनके देश का एक शीर्ष अधिकारी अमेरिका में कैंसर सहित कुछ महत्वपूर्ण दवाओं की कमी के मुद्दे से निपटने के लिए जल्द ही भारत का दौरा करेगा।
बेसेरा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब दवाओं की बात आती है तो हमारा भारत के साथ बहुत मजबूत और आश्रित संबंध है। हम भारत पर निर्भर हैं, भारत हम पर निर्भर करता है और जब यह सुनिश्चित करने की बात आती है कि दवाएं न केवल हमारे लोगों के लिए बल्कि दुनिया के लिए उपलब्ध हों तो हम दोनों मिलकर आगे बढ़ सकते हैं।’’ बेसेरा जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के साथ-साथ अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेने के लिए गांधीनगर में थे। उन्होंने कहा कि अमेरिका कुछ कैंसर दवाओं की आपूर्ति में व्यवधान का सामना कर रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या कैंसर की दवाओं की कमी को दूर करने के लिए उनकी भारतीय अधिकारियों या उद्योग जगत कारोबारियों से मिलने की कोई योजना है, बेसेरा ने कहा कि यही कारण है कि यूएस एफडीए (खाद्य एवं औषधि प्रशासन) आयुक्त रॉबर्ट कैलिफ जल्द भारत का दौरा करेंगे।
अमेरिका को भारत करेगा कैंसर दवाओं की सप्लाई
बेसेरा ने कहा, ‘‘क्योंकि हम किसी भी दवा की आपूर्ति में कोई कमी नहीं देखना चाहते हैं। कैंसर की कुछ दवाओं की आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान आया है। अमेरिका को आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराने में भारत एक अपरिहार्य भागीदार है।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका ऐसी महत्वपूर्ण दवाओं के उत्पादन के लिए घरेलू क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रहा है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘भारत जैसे मजबूत साझेदार हमारे लिए अपने लोगों को उनकी जरूरत की दवाएं उपलब्ध कराना संभव बनाते हैं।’’ भारत से आपूर्ति होने वाली दवाओं की गुणवत्ता के बारे में एक अमेरिकी समिति द्वारा उठाई गई चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि अमेरिका चाहता है कि देश में बेची जाने वाली दवाएं सुरक्षित हों। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि हमारे देश में बिकने वाली दवाएं सुरक्षित और प्रभावी हों। अगर भारत यह सुनिश्चित करता है कि उनके पास ऐसी कंपनियां हैं जो उन मानकों को पूरा कर सकती हैं, तो हम उनके साथ काम करने के लिए बिल्कुल इच्छुक हैं।
’’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भारत की भूमिका का विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी मानते हैं, लोग भी मानते हैं कि भारत कुछ दशक पहले की तुलना में एक अलग स्थान पर है। यही वह समय है जब भारत दिखा सकता है कि वह इस क्षेत्र में विश्व में अग्रणी है। (भाषा)
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