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भारत ने आपूर्ति रोकी तो दुनिया को खतरनाक बीमारियां बढ़ाने वाले चावल खिला रहा अमेरिका, रिसर्च में खुलासा

एक शोध के अनुसार अमेरिका दुनिया को आर्सेनिक वाला चावल खिला रहा रहा है। इस बात का खुलासा शोध में हुआ है। भारत ने दुनिया को गैर बासमती चावल की सप्लाई रोकी है। उसके बाद से ही दूसरे देश चावल निर्यात ज्यादा कर रहे हैं।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: February 25, 2024 13:34 IST
खतरनाक बीमारियां बढ़ाने वाले चावल खिला रहा अमेरिका- India TV Hindi
Image Source : FILE खतरनाक बीमारियां बढ़ाने वाले चावल खिला रहा अमेरिका

America News: भारत ने गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा रखी है। इस कारण अमेरिका से चावल की खपत बढ़ गई। हालांकि एक रिसर्च में य​ह बड़ा खुलासा हुआ है कि अमेरिका से निर्यात होने वाले चावल में आर्सेनिक की खतरनाक मात्रा पाई गई है। इसके अलावा उनमें कैडमियम और दूसरे भारी धातुओं का भी पता लगाया गया है। ये जहरीले रसायन मानव शरीर में कैंसर और हृदय संबंधी खतरों को कई गुना बढ़ा सकते हैं। इसका खुलासा मिशिगन विश्वविद्यालय की एक शोध टीम ने गरीब कैरिबियाई राष्ट्र हैती को भेजे गए अमेरिकी चावल की खेप से किया है। 

हैती चावल की भारी किल्लत के बीच अमेरिका से आयात कर रहा है। दुनिया में चावल निर्यात में भारत का सबसे अधिक योगदान होता है। लेकिन, घरेलू मांग को देखते हुए भारत ने चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है, लेकिन भारत ने जुलाई 2023 में गैर-बासमती और टूटे हुए सफेद चावल पर प्रतिबंध लगा दिया और 20 प्रतिशत शुल्क के साथ केवल उबले चावल के शिपमेंट की अनुमति दी। बासमती चावल के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य भी 950 डॉलर प्रति टन है, जिसके नीचे कोई अनुबंध पंजीकृत नहीं किया जा सकता है।

आर्सेनिक और कैडमियम की मात्रा खतरनाक स्तर पर

अध्ययन के अनुसार, हैती में विकसित उत्पाद की तुलना में आयातित चावल में औसत आर्सेनिक और कैडमियम सांद्रता लगभग दोगुनी थी, कुछ आयातित नमूने अंतरराष्ट्रीय सीमा से अधिक थे। लगभग सभी आयातित चावल के नमूने बच्चों के उपभोग के लिए अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन की सिफारिश से अधिक थे। अध्ययन में अन्य आयातक देशों में विषाक्त पदार्थों के स्तर का मूल्यांकन नहीं किया गया। अमेरिकी एफडीए और विदेश विभाग ने इस खुलासे पर अभी तुरंत जवाब नहीं दिया है।

इस देश को सबसे ज्यादा चावल बेचता है अमेरिका

अध्ययन में बताया गया कि हैती अपने चावल का लगभग 90% आयात करता है। इस आयात में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी अमेरिका की होती है। अमेरिका ने हैती में राजनीतिक उठापठक और हिंसा को देखते हुए चावल पर 1980 और 1990 के दशक के अंत में सब्सिडी की घोषणा की थी। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने अपने कार्यकाल के दौरान हैती को अमेरिकी चावल की सब्सिडी बढ़ाने में मदद की थी। लेकिन, बाद में उन्होंने अपनी सरकार के इस कदम को एक गलती बताया था।

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