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इस देश के राष्ट्रपति के ऊपर सरकार ने चलाया महाभियोग...तो तिकड़म से रद्द कर दी कार्यवाही

किसी देश के राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाए जाने के बाद उसकी कुर्सी डवांडोल हो उठती है। मगर हम आपको एक ऐसे देश की घटना बताने जा रहे हैं, जहां सरकार ने महाभियोग चलाया तो राष्ट्रपति ने ऐसे तिकड़म से अपने खिलाफ शुरू हुई इस कार्यवाही को रद्द कर दिया कि सभी हैरान रह गए। मामला इक्वाडोर देश का है

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : May 18, 2023 6:48 IST, Updated : May 18, 2023 6:48 IST
प्रतीकात्मक फोटो
Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो

किसी देश के राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाए जाने के बाद उसकी कुर्सी डवांडोल हो उठती है। मगर हम आपको एक ऐसे देश की घटना बताने जा रहे हैं, जहां सरकार ने महाभियोग चलाया तो राष्ट्रपति ने ऐसे तिकड़म से अपने खिलाफ शुरू हुई इस कार्यवाही को रद्द कर दिया कि सभी हैरान रह गए। मामला इक्वाडोर देश का है, जहां के राष्ट्रपति गुइलेर्मो लास्सो पर विपक्ष के नेतृत्व वाली सरकार ने महाभियोग की कार्यवाही चलाई थी, मगर बुधवार को राष्ट्रपति ने विपक्ष के नेतृत्व वाली नेशनल असेंबली को भंग कर अपने खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही को समाप्त कर दिया।

विपक्ष ने राष्ट्रपति पर गबन का आरोप लगाया था। हालांकि, लास्सो ने आरोपों से इनकार किया था। राष्ट्रपति की घोषणा के तुरंत बाद, दक्षिण अमेरिकी देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी ने चेतावनी दी कि देश में यदि कोई हिंसा भड़की तो सशस्त्र बल "दृढ़ता से" निपटेंगे। उनकी घोषणा के बाद, राजधानी क्विटो में नेशनल असेंबली के पास सैन्य और पुलिस अधिकारियों के एक दल ने रास्ते को अवरुद्ध कर दिया। लास्सो ने एक टेलीविजन संदेश में नेशनल असेंबली पर "सरकार को अस्थिर करने" का आरोप लगाया। उन्होंने अपने कदम को "लोकतांत्रिक" और "लोगों को अगले चुनाव में अपना भविष्य तय करने की शक्ति" देने का एक तरीका बताया।

राष्ट्रपति ने कहा आरोपों को लेकर सुबूत नहीं

गौरतलब है कि सांसदों ने लास्सो पर सरकार के स्वामित्व वाली तेल परिवहन कंपनी और एक निजी टैंकर कंपनी के बीच एक अनुबंध को समाप्त करने के लिए हस्तक्षेप न करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि लास्सो को पता था कि कंपनियों के बीच का अनुबंध अनियमितताओं से भरा था और इससे सरकार को लाखों का नुकसान होगा। लास्सो एक पूर्व बैंकर है। उन्हें 2021 में राष्ट्रपति चुना गया था। 137 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में शुरुआत से ही विपक्ष के साथ उनके संबंध अच्छे नहीं रहे। विपक्ष के आरोपों के बाद मंगलवार को उन्होंने अपना बचाव किया और कहा कि उनके खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों को लेकर विपक्ष के पास कोई सबूत नहीं है।

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