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अमेरिका के पूर्व रक्षा सचिव का दावा, यूक्रेन पर सफल हुआ रूस तो चीन कर सकता है भारत पर हमला

अमेरिकी के पूर्व रक्षा सचिव जिम मैटिस ने दावा किया है कि पुतिन के यूक्रेन युद्ध से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पार चीन की घुसपैठ को बढ़ावा मिल सकता है। पूर्व अधिकारी ने चिंता व्यक्त करते कहा कि चीन यूक्रेन युद्ध पर कड़ी नजर रख रहा है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Mar 06, 2023 9:42 IST, Updated : Mar 06, 2023 14:56 IST
शी जिनपिंग, चीन के राष्ट्रपति
Image Source : AP शी जिनपिंग, चीन के राष्ट्रपति

नई दिल्लीः अमेरिकी के पूर्व रक्षा सचिव जिम मैटिस ने दावा किया है कि पुतिन के यूक्रेन युद्ध से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पार चीन की घुसपैठ को बढ़ावा मिल सकता है। पूर्व अधिकारी ने चिंता व्यक्त करते कहा कि चीन यूक्रेन युद्ध पर कड़ी नजर रख रहा है। यदि यूक्रेन में रूसी आक्रमण सफल होता है तो इससे चीन को भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हमला करने का मौका मिलेगा। मैटिस ने 3 मार्च को रायसीना डायलॉग के 8वें संस्करण के दौरान "पुराने, नए और अपरंपरागत: समकालीन संघर्षों का आकलन" विषय पर पैनल चर्चा में बोलते हुए यह चिंता जताई है।

चर्चा के दौरान अमेरिका के पूर्व रक्षा सचिव से पूछा गया था कि क्या अमेरिका चीन से निपटने के लिए तैयार है। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें इसमें कोई संदेह नहीं है कि अमेरिका तैयार है। इस कार्यक्रम के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और ऑस्ट्रेलिया डिफेंस फोर्स के चीफ जनरल एंगस जे कैंपबेल उपस्थित थे। इस दौरान पूर्व रक्षा सचिव जिम मैटिस ने कहा कि रूस के खिलाफ अमेरिका यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखेगा। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि चीन करीब से देख रहा है कि अगर रूस यूक्रेन पर अपने आक्रमण में सफल होता है तो वह एलएसी के साथ भारत के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए अधिक अभ्यस्त क्यों नहीं होगा। पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव ने कहा कि रूस को तीन सप्ताह के युद्ध में यूक्रेन पर जीत हासिल करनी चाहिए थी, लेकिन पश्चिमी वित्त पोषण यूक्रेन को रूस को अपने क्षेत्र से बाहर धकेलने के लिए हथियार देकर मदद कर रहा है। मैटिस ने कहा-इसीलिए 'हम रूस को मुरझाते हुए देख रहे हैं।'

परमाणु हथियारों पर पुतिन कर रहे गुस्ताखी

मैटिस ने परमाणु खतरे की बातचीत पर कहा कि ''हम परमाणु हथियारों पर पुतिन की गुस्ताख़ी भारी बातें सुनते हैं। जबकि पुराने सोवियत संघ के पोलित ब्यूरो ने ऐसा कभी नहीं किया। उन्होंने कहा कि "हमें परमाणु हथियार नियंत्रण संधि पर वापस जाने की आवश्यकता है।" वहीं चर्चा में मौजूद जनरल एंगस कैंपबेल ने रूस-यूक्रेन युद्ध को अवैध करार दिया और जोर देकर कहा कि यह एक संप्रभु राष्ट्र की अखंडता का उल्लंघन है। पूर्व अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने भी कहा था कि भारत सैन्य रूप से जितना मजबूत होगा, दुनिया भर में स्थिति उतनी ही शांत होगी।

रूस-यूक्रेन युद्ध ने पैदा किया नया विरोधाभास
यूक्रेन संघर्ष से सीखे गए सबक के मुद्दे पर बोलते हुए भारत के जनरल अनिल चौहान ने कहा कि युद्ध के कई सबक हैं। सभी सार्वभौमिक रूप से लागू नहीं होते हैं। देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने आगे कहा ''हमें यह देखना होगा कि भारतीय संदर्भ में क्या लागू होता है।''सीडीएस जनरल चौहान ने कहा, "हमने मान लिया था कि भविष्य के युद्ध छोटे और तेज होंगे, यह एक लंबा युद्ध है। इसने विरोधाभास पैदा किया है।" सीडीएस ने कहा, "हमें आत्मनिर्भर बनना होगा, यही सबसे बड़ा सबक है।" मैटिस ने यह भी कहा कि भारतीय सेना को नई तकनीक की जरूरत है, क्योंकि जितना अधिक राष्ट्र मजबूत रहेगा और खुद के लिए बोलेगा, दुनिया भर में चीजें शांत होंगी।

पीएम मोदी का अमेरिका ने जताया आभार
मैटिन ने यह भी कहा कि भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 'परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं' करने पर जोर दिया। ''मुझे लगता है कि भारत का रूस से संबंध है, जिसने उस संदेश को मजबूत और प्रभावी बनाया होगा। हम इसके लिए आपके प्रधानमंत्री के आभारी हैं। पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव ने आगे कहा कि अगर रूस अपने यूक्रेन आक्रमण में सफल हो जाता है तो चीन एलएसी के साथ भारत के खिलाफ या वियतनाम और फिलीपींस के खिलाफ दक्षिण चीन सागर में भी आगे बढ़ने के लिए अभ्यस्त क्यों नहीं होगा। मैटिस ने यह भी कहा कि रूसियों ने नाटो लाइनों के अपने सैनिकों को स्थानांतरित कर दिया और यूक्रेन पर हमला कर रहे हैं, यह साबित करता है कि नाटो से कभी कोई खतरा नहीं था।

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