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विदेशमंत्री एस जयशंकर पहुंचे निकोसिया, दोनों देशों के बीच हुआ ये ऐतिहासिक समझौता

S Jaishankar in Cyprus: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर बृहस्पतिवार को साइप्रस की राजधानी निकोसिया पहुंच गए। भारत और साइप्रस संबंधों के 60 वर्ष पूरे होने के मौके पर वह निकोसिया पहुंचे हैं। एस. जयशंकर ने साइप्रस के अपने समकक्ष लोआनिस कासोउलिडेस से मुलाकात की।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: December 29, 2022 22:19 IST
एस जयशंकर, विदेश मंत्री (फाइल)- India TV Hindi
Image Source : PTI एस जयशंकर, विदेश मंत्री (फाइल)

S Jaishankar in Cyprus: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर बृहस्पतिवार को साइप्रस की राजधानी निकोसिया पहुंच गए। भारत और साइप्रस संबंधों के 60 वर्ष पूरे होने के मौके पर वह निकोसिया पहुंचे हैं। एस. जयशंकर ने साइप्रस के अपने समकक्ष लोआनिस कासोउलिडेस से मुलाकात की और उनसे द्विपक्षीय संबंधों तथा यूक्रेन संकट जैसे परस्पर और वैश्विक हितों के मुद्दों पर सार्थक चर्चा की। दोनों नेताओं ने रक्षा और सैन्य सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन समेत तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए। जयशंकर साइप्रस की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर आज ही यहां पहुंचे हैं।

जयशंकर ने यात्रा के दौरान साइप्रस के अपने समकक्ष कासोउलिडेस से मुलाकात की और रक्षा तथा सैन्य सहयोग से जुड़े एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। साथ ही आव्रजन और गतिशीलता पर आशय पत्र के साथ ही साइप्रस के अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में शामिल होने पर समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों नेताओं ने विश्व शांति, स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर भी अपने विचार साझा किए। कासोउलिडेस ने कहा कि भारत और साइप्रस लोगों के संपर्क में विविधता लाने तथा उसे गहरा के लिए प्रतिबद्ध हैं। जयशंकर और कासोउलिडेस ने यूक्रेन संघर्ष तथा अफगानिस्तान में स्थिति जैसे कई वैश्विक मुद्दों के साथ ही द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा की। जयशंकर ने कहा, ‘‘विदेश मंत्री के तौर पर मेरी अपनी आधिकारिक यात्रा पर यहां आना खुशी की बात है और यह यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है जब हमारे कूटनीतिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे हो गए हैं। यह खासतौर से गर्व की बात है और खुशी है कि इस मौके पर मैं यहां हूं।

सैन्य और रक्षा सहयोग पर अहम बातचीत

विदेशमंत्री ने कहा कि साइप्रस के समकक्ष से मुलाकात करना यह दिखाता है कि भारत अपने द्विपक्षीय सहयोग को गहरा बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत-साइप्रस की साझेदारी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह लोकतंत्र, विविधता, बहुलवाद और कानून के लिए सम्मान के हमारे साझा मूल्यों में निहित हैं।’’ उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने आ रही विभिन्न अहम चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान खासतौर से उपयोगी है। द्विपक्षीय संबंधों, बहुपक्षीय सहयोग, भू-राजनीतिक और क्षेत्रीय चुनौतियों पर बहुत रचनात्मक चर्चा हुई। अपने पड़ोसियों, हिंद-प्रशांत, पश्चिम एशिया, यूरोप, भारत-यूरोपीय संघ संबंधों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों ने रक्षा और सैन्य सहयोग पर समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि दोनों देशों ने भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने और कूटनीतिक संबंधों की स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने के मौके पर बृहस्पतिवार को स्मारक टिकट जारी किए।

खाद्य ऊर्जा पर कर रहे मिलकर काम
भारत और साइप्रस खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा के साथ ही सतत विकास जैसे अहम मुद्दों पर मिलकर काम कर रहे हैं। जयशंकर ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय का जिम्मेदार सदस्य होने के नाते भारत मानवीय सहायता, औषधि, टीके, अनाज और अन्य प्रकार की सहायता देने के लिए काम करने में अपने अन्य साझेदारों के साथ है।’’ जयशंकर ने भारत की जी-20 अध्यक्षता का भी जिक्र किया और कहा कि नयी दिल्ली का प्रयास अधिक से अधिक देशों को बातचीत में शामिल करना है। साइप्रस की तीन दिवसीय यात्रा पर जयशंकर प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष अन्निता डेमेट्रियू से भी भेंट करेंगे। जयशंकर का साइप्रस के कारोबारी एवं निवेश समुदाय को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है। इसके अलावा विदेश मंत्री यहां भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे।

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