Sunday, December 22, 2024
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FBI ने फिर ली बाइडन के घर तलाशी, जानें बार-बार क्यों पड़ रहा राष्ट्रपति के घर छापा?

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के घर आज बुधवार को फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआइ) ने फिर छापा मारा है। राष्ट्रपति के निजी वकील ने कहा कि एफबीआइ ने गोपनीय दस्तावेजों से संबंधित अपनी जांच के तहत बुधवार को जो.बाइडन के रेहोबोथ बीच, डेलवेयर स्थित घर की तलाशी ली।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Feb 01, 2023 23:33 IST, Updated : Feb 01, 2023 23:33 IST
जो बाइडन, अमेरिकी राष्ट्रपति
Image Source : AP जो बाइडन, अमेरिकी राष्ट्रपति

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के घर आज बुधवार को फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआइ) ने फिर छापा मारा है। राष्ट्रपति के निजी वकील ने कहा कि एफबीआइ ने गोपनीय दस्तावेजों से संबंधित अपनी जांच के तहत बुधवार को जो.बाइडन के रेहोबोथ बीच, डेलवेयर स्थित घर की तलाशी ली। यह तलाशी 20 जनवरी को उनके विलमिंगटन, डेलवेयर आवास की 13 घंटे तक हुई छानबीन के बाद ली गई। पहले की तलाशी में राष्ट्रपति के आवास से कुछ अतिरिक्त गोपनीय दस्तावेज मिले थे। बाइडन के वकील बॉब बौएर ने कहा कि राष्ट्रपति ने जांच के तहत स्वेच्छा से न्याय विभाग को अपने आवासों की तलाशी लेने को कहा है। इसलिए बार-बार उनके घर में छापा पड़ रहा है।

बाइडन के आवास और कार्यालय से कई गोपनीय दस्तावेज मिले हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि यह उस समय के हैं जब बाइडन उपराष्ट्रपति थे। क्या आप सोच भी सकते हैं कि अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (एफबीआइ) अपने मौजूदा राष्ट्रपति के घर ही छापा मार सकती है, शायद नहीं। मगर यह सच है। एफबीआइ ने राष्ट्रपति जो.बाइडन के विलमिंग्टन स्थित आवास की तलाशी ली है। इस दौरान गोपनीय दस्तावेज के तौर पर चिह्नित छह अतिरिक्त दस्तावेज बरामद किए हैं। विभाग ने बाइडन के कुछ हस्तलिखित नोट भी अपने कब्जे में लिए हैं। राष्ट्रपति के वकील बॉब बाउर ने यह जानकारी दी। बाइडन ने एफबीआई को अपने आवास की तलाशी लेने की स्वेच्छा से अनुमति दी, लेकिन तलाशी वारंट नहीं होने के बावजूद यह घटना असाधारण है।

अब तक हुई बरामदगी

बाइडन को 12 जनवरी को यह खुलासा होने के बाद शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी कि उनके वकीलों को मध्यावधि चुनावों से ठीक पहले वाशिंगटन स्थित पेन बाइडन सेंटर में उनके एक पूर्व कार्यालय से गोपनीय रिकॉर्ड मिले हैं। इसके बाद वकीलों को बाइडन के विलमिंग्टन स्थित आवास के पुस्तकालय से उपराष्ट्रपति के तौर पर उनके कार्यकाल के समय के छह और गोपनीय दस्तावेज मिले। इन दस्तावेजों का मिलना बाइडन के लिए ऐसे समय में राजनीतिक जवाबदेही बन गया है, जब वह फिर से चुनाव लड़ने के लिए अपनी दावेदारी पेश करने की तैयारी कर रहे हैं।

यह घटना पूर्ववर्ती राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उतार-चढ़ाव भरे कार्यकाल के बाद अपने कार्यकाल को अमेरिकी जनता के सामने बेहतर दिखाने की बाइडन की कोशिश को नुकसान पहुंचाती है। बाउर ने शनिवार को बताया कि एफबीआई ने शुक्रवार को जिन दस्तावेजों को कब्जे में लिया है, वे बाइडन के सीनेटर एवं उपराष्ट्रपति के तौर पर उनके कार्यकाल से संबंधित हैं, जबकि नोट उनके उपराष्ट्रपति कार्यकाल के हैं। उन्होंने कहा कि यह तलाशी करीब 13 घंटे तक चली।

राष्ट्रपति दे चुके हैं दस्तावेजों पर सफाई

बाउर ने बताया कि अभी न्याय विभाग ने रिकॉर्ड की समीक्षा नहीं की है, इसलिए यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इन दस्तावेजों की गोपनीयता का क्या स्तर है और क्या एफबीआई द्वारा हटाए गए दस्तावेज गोपनीय बने हुए हैं या नहीं। आम तौर पर, गोपनीय दस्तावेजों को अधिकतम 25 वर्षों के बाद सार्वजनिक किया जाता है, लेकिन कुछ रिकॉर्ड को अपेक्षाकृत अधिक समय तक गोपनीय रखा जाता है।

बाइडन ने 1973 से 2009 तक सीनेटर के तौर पर सेवाएं दी थीं। बाइडन ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा था, ‘‘हमने पाया कि बड़ी संख्या में दस्तावेज गलत जगह पर हैं, तो हमने उन्हें तत्काल न्याय मंत्रालय को सौंप दिया।’’ जब बाइडन के आवास की तलाशी ली गई, तो उस समय प्रथम महिला जिल बाइडन वहां नहीं थीं। वह डेलावेयर के रेहोबोथ बीच स्थित अपने आवास पर सप्ताहांत बिताने गई थीं। अभी यह देखा जाना बाकी है कि क्या अन्य स्थानों पर संघीय अधिकारी और तलाशी लेंगे या नहीं। बाइडन के निजी वकीलों ने पहले रेहोबोथ बीच आवास की तलाशी ली थी और कहा था कि उन्हें कोई आधिकारिक दस्तावेज या गोपनीय रिकॉर्ड नहीं मिला।

 

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