वॉशिंगटन: भारत के राजदूत के लिए लंबे समय से चली आ रही अमेरिका की तलाश अब खत्म हो गई है। अमेरिकी सीनेट ने देश के राष्ट्रपति जो बाइडेन के करीबी और लॉस एंजिलिस के पूर्व मेयर एरिक गार्सेटी की भारत के राजदूत के रूप में नियुक्ति की बुधवार को पुष्टि कर दी। बता दें कि बेहद ही अहम यह राजनयिक पद 2 साल से भी ज्यादा समय से खाली पड़ा हुआ है। भारत में अमेरिका के अगले राजदूत के तौर पर एरिक गार्सेटी के नामांकन पर सीनेट में बुधवार को मतदान हुआ।
2021 से ही लंबित था गार्सेटी का नामांकन
बता दें कि अमेरिकी कांग्रेस (संसद) में जुलाई 2021 से ही गार्सेटी का नामांकन लंबित था। उस समय उन्हें राष्ट्रपति बाइडेन ने इस प्रतिष्ठित राजनयिक पद के लिए नामित किया था। पिछले हफ्ते सीनेट की विदेश मामलों की समिति ने अपनी कार्य मंत्रणा बैठक में 8 के मुकाबले 13 मतों से गार्सेटी के पक्ष में मतदान किया था। केनेथ जस्टर भारत में अमेरिका के आखिरी राजदूत थे, जो जनवरी 2021 तक इस पद पर बने रहे थे। उसके बाद से भारत में अमेरिकी राजदूत के तौर पर किसी की नियुक्ति नहीं हो पाई थी।
बदला-बदला सा नजर आ रहा था अमेरिका
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में अमेरिका और भारत के रिश्ते खट्टे-मीठे अनुभवों से गुजरे हैं। बाइडेन प्रशासन भले ही भारत को अपना मित्र बताता रहा हो, लेकिन उसके कुछ फैसलों पर सवाल उठते रहे हैं। अमेरिका ने पिछले कुछ महीनों में आर्थिक तौर पर पाकिस्तान की काफी मदद की है। उसने फाइटर जेट F-16 के मेंटेनेंस के नाम पर भी पाकिस्तान को अच्छा खासा फंड दिया था। माना जाता है कि FATF की ग्रे लिस्ट से पाकिस्तान को बाहर निकलवाने में भी अमेरिका का बहुत बड़ा हाथ था।
एरिक गार्सेटी की नियुक्ति से होगा यह फायदा
भारत में अमेरिका के राजदूत के रूप में एरिक गार्सेटी की नियुक्ति दोनों देशों के बीच रिश्तों में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। दरसअसल, राजदूत दो देशों के बीच एक पुल का काम करते हैं। गार्सेटी के बाइडेन का करीबी होने के नाते माना जा सकता है कि पिछले कुछ समय में दोनों देशों के रिश्तो में आई हल्की-फुल्की खटास गायब हो सकती है।