Highlights
- ईडी को लेकर बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
- अमेरिका दौरा पर हैं सीतारमण
- ईडी पर लगने वाले आरोप खारिज किए
Nirmala Sitharaman in US on ED: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का सरकार द्वारा राजनीतिक या प्रतिशोध के लिए इस्तेमाल किए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि ईडी अपना काम करने के वास्ते ‘पूरी तरह स्वतंत्र’ है। अमेरिका की अपनी यात्रा के खत्म होने पर शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में सीतारमण ने वित्त मंत्रालय की दो शाखाओं आयकर विभाग और ईडी के जरिए कॉरपोरेट क्षेत्र तथा लोगों में किसी तरह का भय पैदा करने से इनकार किया। उन्होंने कहा, ‘ईडी जो करता है उसमें वह पूरी तरह स्वतंत्र है और यह ऐसी एजेंसी है जो पहले ही दर्ज हो चुके अपराधों की जांच करती है।'
उन्होंने कहा, 'पहला अपराध किसी अन्य एजेंसी द्वारा पहले ही दर्ज कर लिया जाता है चाहे वह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो हो या कोई अन्य एजेंसी हो और इसके बाद ईडी का काम शुरू होता है।’ सीतारमण ने कहा कि ईडी पर्याप्त सूचना और सबूत मिलने के बाद कार्रवाई करती है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘ईडी कहीं भी सबसे पहले सामने नहीं आती। मैं किसी खास मामले पर टिप्पणी नहीं करना चाहती लेकिन निश्चित तौर पर अगर ईडी कहीं जाती है तो उसके हाथ में प्रथमदृष्टया कुछ सबूत होते हैं।’
वैश्विक प्रभाव पर जताई थी चिंता
इससे पहले उन्होंने कहा था, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की हाल में संपन्न सालाना बैठकों में भारत समेत कई देशों ने विकसित देशों के राजनीतिक और आर्थिक निर्णयों के ‘वैश्विक’ प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है। सीतारमण ने कहा कि उन्होंने यहां अपनी बैठकों के दौरान इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। इस सप्ताह की शुरुआत में सीतारमण ने कहा था कि निकट भविष्य में विकसित देशों को अपने राजनीतिक और आर्थिक फैसलों के वैश्विक प्रभाव की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और महज अपने लोगों के नैतिक और लोकतांत्रिक दायित्वों को पूरा करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने के बजाय सुरक्षा उपाय करने चाहिए।
उनकी यह टिप्पणियां ऐसे वक्त में आयी है जब अमेरिका की अगुवाई में पश्चिम देशों ने रूस से तेल का आयात कम कर दिया है और वह अन्य देशों को भी चेतावनी दे रहे हैं कि अगर उन्होंने रूस से तेल खरीदा तो उन्हें प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। सीतारमण ने शनिवार को यहां भारतीय पत्रकारों के एक समूहों के साथ बातचीत में कहा कि उन्होंने अपनी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकों के दौरान भी यह मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा, ‘मैंने किसी एक मंत्री या उनकी प्रतिक्रिया पर गौर नहीं किया लेकिन मैंने यह कहा। संयोग से एक अलग बैठक में श्री मुल्यानी (इंद्रावती, इंडोनेशिया के वित्त मंत्री) ने भी यह मुद्दा उठाया। शायद एक या दो देशों ने भी यह मुद्दा उठाया। अगर मैं गलत नहीं हूं तो संभवत: नाइजीरिया के वित्त मंत्री ने भी आवाज उठायी।’ सीतारमण 11 अक्टूबर से अमेरिका की छह दिवसीय यात्रा पर हैं। आईएमएफ और विश्व बैंक की सालाना बैठकों में भाग लेने के अलावा उन्होंने यात्रा के दौरान कई देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।