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अमेरिका के इस हैरतअंगेज फैसले से डरा ड्रैगन, बाइडेन ने बजाया चीन का बैंड

अमेरिका ने चीन को धीरे से जोर का झटका दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कई चीनी कंपनियों पर भारी-भरकम आयात शुल्क लगा दिया है। इससे चीन की बैंड बज गई है। इनमें ज्यादातर इलेक्ट्रिक वाहनों वाली कंपनियां शामिल हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: May 15, 2024 11:44 IST
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग (फाइल)- India TV Hindi
Image Source : AP अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग (फाइल)

वाशिंगटन: अमेरिका के एक फैसले ने चीन के चारों खाने चित कर दिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के फैसले ने चीन को बड़ा झटका दिया है। दर असल अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी, स्टील, सौर सेल और एल्यूमीनियम पर भारी शुल्क लगा दिया है। इससे चीनी कंपनियों को तगड़ा करंट लगा है। बाइडेन ने कहा कि यह कदम सुनिश्चित करेगा कि अनुचित व्यापार प्रथाओं का असर अमेरिकी श्रमिकों पर न पड़े।

बता दें कि चीन से आने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100 प्रतिशत शुल्क, सेमीकंडक्टर पर 50 प्रतिशत शुल्क और प्रत्येक इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है। व्हाइट हाउस के रोज़ गार्डन से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बाइडेन ने कहा कि अमेरिका अपनी इच्छानुसार किसी भी प्रकार की कार खरीदना जारी रख सकता है, “लेकिन हम चीन को इन कार के बाजार को गलत तरीके से नियंत्रित करने की अनुमति कभी नहीं देंगे।

चीन के खिलाफ बरसे बाइडेन

राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा, ‘‘ मैं चीन के साथ निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा चाहता हूं, संघर्ष नहीं। हम चीन के खिलाफ 21वीं सदी की आर्थिक प्रतिस्पर्धा में जीत हासिल करने के लिए किसी अन्य की तुलना में अधिक मजबूत स्थिति में हैं’’ बाइडेन ने आरोप लगाया कि वर्षों से, चीनी सरकार ने उद्योगों की एक पूरी श्रृंखला में चीनी कंपनियों में देश का पैसा लगाया है। स्टील व एल्यूमीनियम,सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक वाहन, सौर पैनल और यहां तक ​​कि दस्ताने और मास्क जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य उत्पाद। उन्होंने कहा कि चीन ने इन सभी उत्पादों पर भारी सब्सिडी दी, जिससे चीनी कंपनियों को बाकी दुनिया की तुलना में कहीं अधिक उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया गया।

फिर अतिरिक्त उत्पादों को अनुचित रूप से कम कीमतों पर बाजार में लाना (डंप करना), दुनिया भर के अन्य निर्माताओं को व्यवसाय से बाहर कर देना। बाइडन ने कहा कि कीमतें अनुचित रूप से कम हैं क्योंकि चीन की कंपनियों को लाभ के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि चीन की सरकार ने उन्हें सब्सिडी दी है।  (भाषा) 

 

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