वाशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक और प्रमुख पाकिस्तानी-अमेरिकी उद्योगपति साजिद तरार ने कहा है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति का पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ कोई व्यक्तिगत संबंध नहीं है। ‘मुस्लिम फॉर ट्रंप’ संगठन के प्रमुख साजिद तरार ने यह भी कहा कि ट्रंप भारत के साथ संबंधों को मजबूत करेंगे और बांग्लादेश में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों पर कड़ी नजर रखेंगे।
जेल में बंद हैं इमरान खान
तरार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से साक्षात्कार में कहा, ‘‘पाकिस्तान में एक विशेष पार्टी द्वारा यह धारणा बनाई जा रही है कि उनके (खान के) डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यक्तिगत संबंध हैं। यह सच नहीं है। सच यह है कि बतौर राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने खान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के तैर पर ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) में आमंत्रित किया था।’’ उन्होंने कहा कि ट्रंप खान को जेल से बाहर निकालने के लिए पाकिस्तान के आंतरिक मामलों या उसकी न्यायपालिका में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। खान को भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पिछले साल गिरफ्तार किया गया था, तब से वह विभिन्न मामलों में जेल में बंद हैं।
बांग्लादेश में हुए घटनाक्रम से अवगत हैं ट्रंप
तरार ने यह भी कहा कि ट्रंप बांग्लादेश सहित दक्षिण एशिया के घटनाक्रम से अवगत हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप को मालूम है कि जब वह 2016 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे, तो बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने उनके खिलाफ हिलेरी क्लिंटन का खुलकर समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि हाल में अमेरिका की यात्रा के दौरान यूनुस ने (अमेरिका के) राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से मुलाकात की थी। अमेरिका में पांच नवंबर को हुए चुनाव से कुछ दिन पहले ट्रंप ने एक बयान जारी कर बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ ‘‘मानवाधिकारों के उल्लंघन’’ की निंदा की थी। (भाषा)
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