अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव जीतने के बाद से ही अपनी नई टीम को बनाने के लिए सक्रिय हो गए हैं। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप अगले साल जनवरी महीने में राष्ट्रपति का पद संभालेंगे। हालांकि, इससे पहले ही ट्रंप ने एक बाद एक बड़े पदों पर लोगों को चुनना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में ट्रंप ने रिपब्लिकन सांसद माइक वाल्ट्ज को उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में चुना है। माइक वाल्ट्ज को लंबे समय से चीन का कट्टर आलोचक माना जाता रहा है।
कौन हैं माइक वाल्ट्ज?
माइक वाल्ट्ज एक रिटायर्ड आर्मी नेशनल गार्ड अधिकारी हैं। वह अफगानिस्तान में तालिबान से जंग में भी हिस्सा ले चुके हैं। वाल्ट्ज को महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर ट्रम्प को जानकारी देने का काम सौंपा जाएगा। इसमें रूस-यूक्रेन जंग, रूस और उत्तर कोरिया के बीच गठबंधन, इजरायल, हमास और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष आदि शामिल हैं। बता दें कि माइक वाल्ट्ज अमेरिका को सुरक्षित करने के डोनाल्ड ट्रंप के दावे के बड़े समर्थकों में से एक हैं। उन्होंने अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस लाने की बाइडेन की नीति की जमकर आलोचना की थी।
इंडिया कॉकस के हेड हैं वाल्ट्ज
अमेरिका के अगले NSA माइक वाल्ट्ज इंडिया कॉकस के हेड हैं। इंडिया कॉकस अमेरिकी सीनेट का हिस्सा है। इसकी स्थापना साल 2004 में, सीनेटर कॉर्निन और तत्कालीन सीनेटर हिलेरी क्लिंटन ने अमेरिकी-भारत द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने और आम हितों के मुद्दों पर खुलकर चर्चा करने के लिए किया गया था। इसमें भारतीय सरकारी अधिकारियों और भारतीय-अमेरिकियों के साथ मिलकर काम करने के लिए सीनेटरों के लिए सदस्य नियुक्त किए जाते हैं। सीनेट इंडिया कॉकस, जिसमें 34 द्विदलीय सदस्य शामिल हैं।
चीन के विरोधी हैं वाल्ट्ज
माइक वाल्ट्ज कई मौकों पपर चीन की जमकर आलोचना करते रहे हैं। कोविड-19 की उत्पत्ति और उइगर मुस्लिम आबादी के साथ चल रहे जुल्मों में शामिल होने के कारण बीजिंग में 2022 शीतकालीन ओलंपिक का अमेरिकी बहिष्कार करने की अपील की थी। माइक वाल्ट्ज रिपब्लिकन पार्टी के चाइना टास्क फोर्स में भी शामिल हैं। उनका कहना है कि अगर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में संघर्ष होता है तो अमेरिकी सेना उतनी तैयार नहीं है जितनी होनी चाहिए। वाल्ट्ज अमेरिका को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चुनौतियों से निपटने पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव देते हैं।
कई अन्य नियुक्तियां भी
इससे पहले ट्रंप ने राजनीतिक सलाहकार स्टीफन मिलर को अपने नये प्रशासन में नीति मामलों का उप प्रमुख चुना है। इसके साथ ही ट्रंप ने टॉम होमैन उनके आगामी प्रशासन में ‘‘बॉर्डर जार’’ (सीमा अधिकारी) के रूप में चुना है। होमैन ‘अवैध विदेशियों को उनके मूल देश वापस भेजने के प्रभारी होंगे, जोडोनाल्ड ट्रंप के एजेंडे का एक मुख्य हिस्सा है। पहले से ही इस बात की चर्चा थी कि होमैन ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में सीमा-संबंधी भूमिका में फिर से शामिल होंगे।
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