
वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मेक्सिको, कनाडा और चीन से आयात होने वाली वस्तुओं पर कड़े शुल्क लगाने संबंधी एक आदेश पर हस्ताक्षर किए है। राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा किए अपने पोस्ट में कहा कि ये शुल्क ‘अमेरिकियों की सुरक्षा के लिए’ आवश्यक हैं। ट्रंप ने तीनों देशों पर ‘फेंटेनाइल’ (दर्द निवारक दवा) के अवैध निर्माण एवं निर्यात पर अंकुश लगाने के मकसद से इस तरह का कदम उठाया है।
जवाबी शुल्क का क्या जवाब देंगें ट्रंप?
ट्रंप ने चीन से सभी आयात पर 10 प्रतिशत और मेक्सिको और कनाडा से आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने का फैसला किया है। कनाडा से आयातित ऊर्जा, जिसमें तेल, प्राकृतिक गैस और बिजली शामिल है, पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाएगा। ट्रंप के आदेश के बाद यदि ये देश भी जवाबी शुल्क लगाते हैं, तो अमेरिका के पास इन दरों को और बढ़ाने का विकल्प होगा जिसके गंभीर आर्थिक परिणाम होंगे।
जस्टिन ट्रूडो का सख्त रुख
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्रंप के फैसले को लेकर गंभीर लहजे में कहा, “व्हाइट हाउस की ओर से की गई कार्रवाई ने हमें एकजुट करने के बजाय अलग कर दिया है।” उन्होंने कहा कि उनका देश शराब और फलों सहित 155 अरब डॉलर तक के अमेरिकी आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाएगा। ट्रूडो ने अमेरिकियों को याद दिलाया कि कनाडाई सैनिकों ने अफगानिस्तान में उनके साथ लड़ाई लड़ी थी। कैलिफोर्निया में जंगल की आग से लेकर तूफान ‘कैटरीना’ तक के संकटों से निपटने में मदद की थी। मेक्सिको की राष्ट्रपति ने भी जवाबी शुल्क लगाने का आदेश दिया है। चीन ने ट्रंप की कार्रवाई पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
मेक्सिको की राष्ट्रपति ने क्या कहा?
मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “हम व्हाइट हाउस के इस आरोप को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं कि हमारी सरकार का आपराधिक संगठनों के साथ गठजोड़ है।’’ राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने अपने अर्थव्यवस्था सचिव को एक प्रतिक्रिया लागू करने का निर्देश दिया है जिसमें मेक्सिको के हितों की रक्षा में जवाबी शुल्क और अन्य उपाय शामिल हैं। शिनबाम ने कहा, “यदि अमेरिका की सरकार और उसकी एजेंसियां अपने देश में फेंटेनाइल की भारी खपत से निपटना चाहती हैं, तो वो अपने प्रमुख शहरों की सड़कों पर नशीली दवाओं की बिक्री से लड़ सकते हैं, जो वो नहीं करते हैं और इस अवैध गतिविधि से उत्पन्न धनशोधन ने उनकी आबादी को बहुत नुकसान पहुंचाया है।”
ट्रंप से उठ जाएगा वोटरों का भरोसा
गौरतलब है कि, शुल्क लगाने से मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका है और इससे मतदाताओं का इस बात में भरोसा खत्म हो सकता है कि ट्रंप अपने वादे के अनुसार किराने के सामान, गैसोलीन, आवास, वाहन और अन्य वस्तुओं की कीमतें नीचे ला सकते हैं। इस कार्रवाई से अमेरिका और उसके दो सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों मेक्सिको और कनाडा के साथ आर्थिक गतिरोध पैदा हो गया है। संबंध अब किस ओर जाएंगे यह देखना दिलचस्प होगा। (एपी)
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