Donald Trump Firing: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव प्रचार कर रहे थे। ट्रंप पेंसिल्वेनिया में एक रैली को संबोधित कर ही रहे थे कि ऐसा कुछ हुआ जिसके बारे में किसी ने सोचा तक नहीं था। ट्रंप की सभा मे अचानक ताबड़तोड़ फायरिंग हुई। एक गोली ट्रंप के दाहिने कान के ऊपरी हिस्से को छूते हुए निल गई। पूर्व राष्ट्रपति के कान से खून बहने लगा, इसी दौरान सिक्योरिटी के लोग आए और उन्होंने ट्रंप को चारों तरफ से घेरकर सुरक्षित वहां से बाहर निकाल लिया। ट्रंप पर हमला करने वाले शख्स को सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स ने मौके पर ही ढेर कर दिया। अब इस पूरी घटना को लेकर जो तथ्य सामने आए हैं उनमें से एक बेहद चौंकाना वाला है।
एक फैसला, बच गई जान
पेंसिल्वेनिया की रैली में ट्रंप की जान बच गई और ऐसा होने की वजह वहज बना उनका एक फैसला। मीडिया रपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि रैली में ट्रंप ने टेलीप्रॉम्प्टर का इस्तेमाल ना करने का फैसला किया और यही फैसला उनको नया जीवन दे गया। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि ट्रंप अपनी रैलियों में टेलीप्रॉम्पटर का इस्तेमाल करते हैं लेकिन पेंसिल्वेनिया में उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। ट्रंप ने कहा क वो टेलीप्रॉम्पटर का इस्तेमाल नहीं करेंगे और लोगों से सीधा संवाद करेंगे।
मूव हो रहा था सिर
लोगों से सीधा संवाद करने का असर क्या हुआ चलिए अब आपको वो समझाते हैं। रैली के दौरान अगर डोनाल्ड ट्रंप टेलीप्रॉम्पटर का इस्तेमाल कर रहे होते तो ऐसा हो सकता था कि वो सीधे उसी पर ही फोकस कर रहे होते। ऐसे में काफी संभावना थी कि उनका सिर एक जगह पर स्थिर होता। लेकिन, उन्होंने टेलीप्रॉम्पटर का इस्तेमाल ना करने का फैसला किया था लिहाजा ट्रंप यहां-वहां देख रहे थे तो उनका सिर भी लगातार मूव हो रहा था।
इस बात की है संभावना
संभव है कि ट्रंप का सिर बार-बार हिलने की वजह से हमलावर का निशाना चूक गया और उनकी जान बच गई। हमलावर ने करीब 200 मीटर की दूरी गोली चलाई थी। ऐसे में सिर का मूवमेंट होने की वजह से ही उनकी जान बची और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वो टेलीप्रॉम्पटर का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे। तस्वीरों में टेलीप्रॉम्प्टर दिखाई दे रहा है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वो इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे थे और ऐसा करना उनका जीवन बचा गया।
यह भी जानें
बता दें कि, टेलीप्रॉम्पटर एक डिस्प्ले डिवाइस होता है जो किसी शख्स को स्पीच या स्क्रिप्ट पढ़ने में मदद करता है। इसका इस्तेमाल टेलीविजन रूम्स में होता है। यह स्क्रीन वीडियो कैमरा से थोड़ी नीचे होती है, जिसे देखर प्रजेंटर अपनी स्क्रिप्ट या स्पीच को पढ़ता है। यहां यह भी बता दें कि, हमलावर का नाम थॉमस मैथ्यू क्रुक्स था और उसकी उम्र 20 साल थी। वह पेंसिल्वेनिया का रहने वाला था। ट्रंप पर हमला करने को बाद क्रुक्स को मौके पर ही ढेर क दिया गया था।
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