Highlights
- हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने अपने चीनी समकक्ष के साथ लंबी बातचीत के दौरान हमारी ‘एक-चीन नीति’ को दोहराया: साकी
- NSA ने ताइवान स्ट्रेट में चीन की बलपूर्वक एवं उकसावे वाली कार्रवाइयों को लेकर हमारी चिंताओं को भी रेखांकित किया: साकी
- साकी ने कहा, मैं ध्यान दिलाना चाहूंगी कि हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कल अपनी बैठक में परिणामों को लेकर बेहद स्पष्ट थे।
वॉशिंगटन: व्हाइट हाउस ने कहा है कि रूस के संबंध में चीन जो भी फैसला करेगा, उस पर दुनिया की नजर होगी। अमेरिका का यह बयान उन खबरों के बीच आया है, जिसमें दावा किया गया है कि चीन, यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को सैन्य या आर्थिक मदद करने की कोशिश कर रहा है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने मंगलवार को एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हम करीबी नजर बनाए हुए हैं। दुनिया की भी इस पर करीबी नजर है। हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इसको लेकर स्पष्ट हैं। अगर वे हमारे प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हैं तो इसके परिणाम भुगतने होंगे।’
साकी ने अपनी डेली न्यूज कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘चीन जो निर्णय लेता है उस पर दुनिया की नजर होगी, लेकिन किसी भी संभावित प्रभाव या परिणाम के संदर्भ में, हम इसे व्यक्तिगत राजनयिक माध्यमों पर छोड़ देंगे। हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने अपने चीनी समकक्ष के साथ लंबी बातचीत के दौरान हमारी ‘एक-चीन नीति’ को दोहराया, साथ ही ताइवान जलडमरूमध्य में चीन की बलपूर्वक एवं उकसावे वाली कार्रवाइयों को लेकर हमारी चिंताओं को भी रेखांकित किया। कई प्रतिबंध हम पहले ही लगा चुके हैं और निश्चित रूप से हम देखते हैं कि क्या प्रतिबंधों का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है।’
एक सवाल के जवाब में प्रेस सचिव ने कहा, ‘हम यह भी देखते हैं कि क्या किसी अन्य देश ने सैन्य आक्रमण के लिए सहयोग प्रदान किया है। आज मेरे पास आपके समक्ष प्रस्तुत करने के लिए ऐसा कोई आकलन नहीं है।’ यह पूछे जाने पर कि यदि चीन युद्ध में रूस को सैन्य या आर्थिक मदद करता हुआ पाया जाता है, तो इसके जवाब में क्या कार्रवाई की जाएगी। इस पर साकी ने कहा कि अमेरिका सीधे चीन और चीनी नेतृत्व के साथ इस संबंध में बातचीत करेगा, मीडिया के माध्यम से नहीं।
साकी ने कहा, ‘मैं ध्यान दिलाना चाहूंगी कि हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कल अपनी बैठक में परिणामों को लेकर बेहद स्पष्ट थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका करीबी नजर बनाए है और यह भी कहा कि सिर्फ अमेरिका ही ऐसा नहीं कर रहा है। चीन जो भी फैसला करेगा, उस पर दुनिया की नजर है।’