हमारी पृथ्वी पर एक दिन और रात की अवधि 24 घंटे की होती है। दिन और रात दूसरे ग्रहों पर भी होते हैं, लेकिन उनकी अवधि कम या ज्यादा होती है। मंगल हमारा पड़ोसी ग्रह है, दिलचस्प बात यह है कि मंगल ग्रह पर कुछ खास कुदरती वजहों से दिन और छोटे हो गए हैं। नासा के मंगल लैंडर के हवाले से यह जानकारी आई है कि मंगल, जिसे लाल ग्रह भी कहा जाता है, इसकी घूमने की गति हर साल बढ़ रही है। इससे इस ग्रह पर दिन छोटे हो गए हैं। दरअसल, धरती के एक दिन के मुकाबले मंगल ग्रह के एक दिन की अवधि 37 मिनट ज्यादा होती है।
प्रतिष्ठित मैगजिन 'जर्नल नेचर' में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया है कि लाल ग्रह यानी मंगल के अपनी धुरी पर घूमने की गति में हर साल 4 मिलीआर्क सेकंड की वृद्धि हो रही है। इस कारण हर साल मंगल ग्रह पर दिन एक मिलीसेकंड के एक छोटे से हिस्से जितना छोटा हो रहा है।
मंगल के घूर्णन का सबसे सटीक मापन
अध्ययन के लेखक ब्रूस बैनर्ड्ट ने बताया कि वैज्ञानिकों ने लाल ग्रह के घूर्णन का सबसे सटीक मापन किया है। उन्होंने कहा कि असल में मंगल की ध्रुवीय शिखरों पर बर्फ जमा होने से द्रव्यमान में परिवर्तन या हिमनदों या ग्लैशियरों के ढंक जाने के बाद उनके भूभाग के उभरकर उपर आना ग्रह के तेज गति से घूर्णन के पीछे एक वजह हो सकती है।
आइस स्केटर से तुलना
वैज्ञानिकों ने ग्रह के द्रव्यमान में कमी की वजह से इसकी गति तेज होने की तुलना आइस स्केटर से की है, जो खेल के दौरान अपनी बांहों को फैलाकर घूमता है और फिर अंदर खींचता है।