बोगोटा: दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने सांडों की लड़ाई पर प्रतिबंध लगाने के प्रावधान वाले विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसके साथ ही दुनियाभर में उन देशों की संख्या और कम हो गई, जहां सदियों पुरानी यह परंपरा अब भी वैध है। बोगोटा में सांडों के अखाड़े में आयोजित एक समारोह के दौरान सांड जैसी पोशाक पहने एक समर्थक ने पेट्रो को विधेयक की प्रति सौंपी, जिस पर उन्होंने सैकड़ों पशु अधिकार कार्यकर्ताओं के सामने हस्ताक्षर किए।
क्या बोले राष्ट्रपति पेट्रो
पेट्रो ने विधेयक पर हस्ताक्षर करने के बाद अपने भाषण में कहा, ‘‘हम दुनिया को यह नहीं बता सकते कि मनोरंजन के लिए जीवित और चेतना युक्त प्राणियों को मारना संस्कृति है। मनोरंजन के लिए किसी जानवर को मारने की इस तरह की संस्कृति हमें मनोरंजन के लिए मनुष्यों को भी मार सकने की दिशा में ले जाएगी।’’
खेल स्थलों में तब्दील होंगे सांडों के अखाड़े
कई महीनों की तीखी बहस के बाद मई में कोलंबिया की संसद ने सांडों की लड़ाई पर प्रतिबंध लगाए जाने को मंजूरी दे दी थी। इस विधेयक के तहत सरकार को 2027 तक पूरे देश में सांडों की लड़ाई पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना होगा। उसे एक दर्जन से अधिक सांडों के अखाड़ों को सांस्कृतिक और खेल स्थलों में तब्दील करना होगा।
कोर्ट में देंगे चुनौती
बता दें कि, कोलंबिया में बुलफाइटिंग को खासा पसंद किया जाता है। इसके समर्थकों का कहना है कि यह फैसला तमाम लोगों की आजीविका को भी खतरे में डालता है जो बुलफाइटिंग से अपना जीवनयापन करते हैं। बुलफाइटिंग समर्थक समूहों ने इस पुरानी परंपरा के समर्थन में सोशल मीडिया पर अभियान भी शुरू किया है। समर्थकों ने यह भी कहा है कि वो न्यायालय में इसको चुनौती देंगे।(एपी)
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