America Vs China: अमेरिका ने चीन के जासूसी बैलून को निशाना बनाकर समुद्र में मारकर गिरा दिया था। इसके बाद अमेरिका ने दावा किया कि यह चीनी गुब्बारा अमेरिकी रक्षा ठिकाने की जासूसी कर रहा था। इस पर चीन भड़क गया है। चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की टिप्पणियों की निंदा की है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बारे में टिप्पणी की थी कि जासूसी बैलून के मामले में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। इस पर चीन ने बाइडन के इस बयान पर नाराजगी जताई और कहा कि यह टिप्पणी "बेहद गैर-जिम्मेदाराना" थी।
अटलांटिक महासागर में मारकर गिरा दिया था गुब्बारा
अमेरिका ने चीन के जासूसी गुब्बारे को बीते दिनों अटलांटिक महासागर में निशाना बनाकर गिरा दिया था। अब अमेरिका ने दावा किया है कि चीन का यह गुब्बारा खूफिया जासूसी करने में सक्षम था और इसमें सिग्नल इंटेलीजेंस कलेक्शन की क्षमता थी। सीएनएन ने अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से यह खुलासा किया है। यह भी बताया गया है कि चीन का यह जासूसी गुब्बारा 5 महाद्वीपों और 40 से ज्यादा देशों के ऊपर उड़ान भर चुका था।
हमारी निगरानी कर रहा था चीनी बैलून:अमेरिका
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि चीनी गुब्बारा इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस तकनीक से लैस था और अमेरिका के कम्यूनिकेशंस की मॉनिटरिंग कर रहा था। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि वह जानते हैं कि चीन का यह गुब्बारा हमारी निगरानी कर रहा था। दावा किया जा रहा है कि जिस गुब्बारे के निशाना बनाया गया, वह चीन की सेना द्वारा बनाया गया था और इसे सर्विलांस के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। गुब्बारे में कई एंटीना भी थे। फिलहाल अटलांटिक महासागर में गुब्बारे के मलबे को इकट्ठा करने के लिए ऑपरेशन चल रहा है।
जासूसी गुब्बारे की वजह से चीन और अमेरिका के रिश्तों में तनाव आ गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीनी जासूसी गुब्बारे को लेकर चीन की आलोचना की थी और सभी देशों को चीन के खिलाफ एकजुट होने की अपील की थी। इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने अपना चीन का दौरा भी रद्द कर दिया था।