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अमेरिका के इस लड़ाकू विमान को मार गिराना चाहता था चीन! खुलासे के बाद दक्षिण चीन सागर में खलबली

US and China Fighter Jets in South China Sea: ताइवान पर उपजे तनाव के चलते अमेरिका और चीन के बीच दुश्मनी लगातार बढ़ती ही जा रही है। चीन अमेरिका को हर क्षेत्र में चुनौती देने पर आमादा है तो वहीं अमेरिका चीन की दादागीरी को खत्म करने के लिए कुछ भी करने को तैयार है।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: December 30, 2022 12:44 IST
फाइटर प्लेन की प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : AP फाइटर प्लेन की प्रतीकात्मक फोटो

US and China Fighter Jets in South China Sea: ताइवान पर उपजे तनाव के चलते अमेरिका और चीन के बीच दुश्मनी लगातार बढ़ती ही जा रही है। चीन अमेरिका को हर क्षेत्र में चुनौती देने पर आमादा है तो वहीं अमेरिका चीन की दादागीरी को खत्म करने के लिए कुछ भी करने को तैयार है। सुपर पॉवर बनने की मंशा पालकर चीन इन दिनों साउथ-ईस्ट एशियाई देशों पर अपनी धाक जमाना चाहता है। वह दक्षिण चीन सागर में लगातार अपना दबदबा बढ़ाता जा रहा है। जबकि अमेरिका चीन को औकात में रखना चाहता है। दोनों के बीच वर्चस्व की यह लड़ाई इस खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई कि चीन अमेरिका के एक लड़ाकू विमान को मार गिराना चाहता था। दोनों देशों के विमानों के बीच सिर्फ छह मीटर की दूरी रह गई थी।  इसका खुलासा होते ही दक्षिण चीन सागर में हलचल मच गई है। 

अमेरिकी सेना ने दावा किया है कि चीनी नौसेना के लड़ाकू विमान ने इस महीने दक्षिण चीन सागर पर अमेरिकी वायुसेना के एक टोही विमान के पास खतरनाक तरीके से उड़ान भरी थी, लेकिन अमेरिकी पायलट ने अपनी कुशलता से दोनों विमान को भिड़ने से बचा लिया। अमेरिकी सेना की हिंद-प्रशांत कमान ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा घटना 21 दिसंबर को हुई थी, जब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का जे-11 विमान अमेरिकी वायुसेना द्वारा संचालित विशाल टोही विमान आरसी-135 के सामने छह मीटर की दूरी से गुजर गया। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या चीन दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में अपने अलावा किसी भी देश की कोई गतिविधि नहीं देखना चाहता?... क्या चीन का लड़ाकू विमान अमेरिका के टोही विमान को मारकर गिराने वाला था। इसीलिए वह अमेरिका के टोही विमान के बिल्कुल सामने आ गया। क्या अमेरिका पायलट ने सूझबूझ नहीं दिखाई होती तो चीन जो बाइडन के विमान को मारकर समुद्र में गिरा देता?... इत्यादि ऐसे कई सवाल हैं, जिसे लेकर अमेरिका में मंथन शुरू हो गया है। इस घटना ने अमेरिका और चीन के बीच तनाव में कई गुना इजाफा कर दिया है। 

चीन ने किया था अमेरिकी विमान का पीछा

यूएस की ओर से दावा किया गया है कि अमेरिकी विमान ‘कानून के अनुसार अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर पर नियमित अभियान पर था। इसके बावजूद चीन ने लड़ाकू विमान ने अमेरिकी विमान का न सिर्फ पीछा किया, बल्कि बिलकुल टक्कर मारने की स्थिति में आ गया। वह तो अमेरिकी पायलट ने अपनी कुशलता के जरिये दोनों विमान को भिड़ने से बचा लिया। इस घटना ने दक्षिण चीन सागर में बवंडर मचा दिया है। दोनों देशों की नौसेना समेत वायुसेना भी सतर्क हो गई है। अमेरिका और चीन दोनों अपने वर्चस्व के लिए कुछ भी करने को उतारू हैं। कोई किसी को खुद से कम मानकर नहीं चल रहा। 

पूरे दक्षिण चीन सागर पर चीन करता है दावा
 चीन पूरे दक्षिण चीन सागर को अपना क्षेत्र बताता है और उसमें उड़ान भरने वाले अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के विमानों का पीछा भी करता है। हिंद-प्रशांत कमान ने अपने बयान में कहा, “अमेरिकी हिंद-प्रशांत संयुक्त बल एक मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्ध है। वह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सभी जहाजों और विमानों की सुरक्षा के लिए उचित सम्मान के साथ अंतरराष्ट्रीय समुद्री और हवाई क्षेत्र में उड़ान भरना एवं जहाज भेजना जारी रखेगा। 

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