वाशिंगटनः भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे की 4 दिवसीय अमेरिका यात्रा से चीन की चिंता बढ़ गई है। बता दें कि जनरल मनोज पांडे 13 से 17 फरवरी तक के लिए वाशिंगटन में हैं। जनरल पांडे ने इस दौरान अमेरिका के अपने समकक्ष जनरल रैंडी जॉर्ज और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय महत्व के मुद्दों समेत कई विषयों पर उच्च स्तरीय वार्ता की है। इसमें वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के लिए परस्पर प्रतिबद्धता बढ़ाने के तरीकों पर भी उच्च स्तीय चर्चा शामिल है। भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने की दिशा में इस दौरे को बेहद अहम माना जा रहा है।
बता दें कि अमेरिका भारत का रणनीतिक साझेदार है। ऐसे में दोनों देश शांति और सुरक्षा के मुद्दे पर लगातार बड़े समझौते कर रहे हैं। भारतीय सेना प्रमुख जनरल पांडे 13 फरवरी से अमेरिका की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। यह भारत के किसी सैन्य प्रमुख की कई वर्षों बाद अमेरिकी यात्रा है। भारतीय सेना के अतिरिक्त जन सूचना महानिदेशालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चर्चा का उद्देश्य द्विपक्षीय महत्व के पहलुओं और वैश्विक शांति व सुरक्षा के प्रति आपसी प्रतिबद्धता को और बढ़ाना था।
इन कार्यक्रमों में शामिल हुए आर्मी चीफ
जनरल पांडे ने अपनी आधिकारिक यात्रा पर फोर्ट मायर्स में पहुंचने पर अमेरिकी सेना के सलामी गारद का निरीक्षण किया और उसके बाद अर्लिंगटन नेशनल सीमेट्री में ‘टोम्ब ऑफ अननॉन सोल्जर’ पर पुष्पांजलि अर्पित की। आधिकारिक पोस्ट में कहा गया है कि इसके बाद उन्होंने अमेरिकी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल रैंडी जॉर्ज और सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ‘‘उच्च स्तरीय चर्चा’’ की। जनरल पांडे ने फोर्ट बेलवॉयर में आर्मी जियोस्पेशियल सेंटर का दौरा किया और फोर्ट मैकनायर में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष के साथ बातचीत की। जनरल पांडे ने नेशनल गार्ड ब्यूरो (एनजीबी) के प्रमुख जनरल डेनियल होकनसन से भी मुलाकात की। उन्होंने वाशिंगटन में भारतीय दूतावास का भी दौरा किया, उपराजदूत श्रीप्रिया रंगनाथन से मुलाकात की तथा महत्वपूर्ण योजनाओं पर चर्चा की। (भाषा)
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